India News(इंडिया न्यूज़),UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) भले ही आपस में समय – समय पर एक-दूसरे पर बयानबाजी करते हों लेकिन जब चुनाव हार जाते हैं तो आपस में हाथ मिलाने की बारी आ ही जाती है और अपने खराब प्रदर्शन के लिए बीजेपी को कोसते हैं। नगरपालिका चुनाव हारने के बाद, अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए हर चाल चली। लेकिन कुछ भी उनके पक्ष में काम नहीं आया। महापौरों और नगरसेवकों के अलावा अन्य पदों के लिए बीजेपी को कापी अपमानजनक हार मिली।
सपा नेता ने मैनपुरी निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन पर आरोप लगाते बीजेपी पर हमला करते हुए कहा मैनपुरी में और साथ ही कई अन्य जगहों पर मतगणना को जान बूझकर धीमा किया गया ताकि धांधली की जा सके। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने मतगणना प्रक्रिया को प्रभावित करने और चुनाव जीतने के लिए वह सब कुछ किया जो वे कर सकते थे और जो करना चाहते थे। एक जगह पर, गिने गए वोटों की कुल संख्या कुल डाले गए वोटों की संख्या से अधिक निकली।
इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि चुनाव निष्पक्ष नहीं थे। बता दें कि 2017 के चुनाव में बसपा ने 2 सीटों पर मेयर का चुनाव जीता था। जो इस बार उनका खाता भी नहीं खुला। ये सीट अलीगढ़ और मेरठ की थी। इस बार राज्य में मेयर पद की सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। मायावती ने अब राज्य की बीजेपी सरकार पर मशीनरी के दुरुपयोग और चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ”अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते तो तस्वीर बिल्कुल अलग होती। अगर बैलेट पेपर से होता तो मेयर पद की सीट बसपा भी जीत जाती। उन्होंने कहा कि स्थानीय चुनाव जीतने के लिए बीजेपी और सपा दोनों एक जैसे हथकंडे अपनाती हैं।