UP Politics: रामचरितमानस विवाद मामला शांत होने का नाम नही ले रहा है. हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसमे अपने बयानों के सहारे आग में घी डालने का काम किया था. हालांकि उनके बयानों से समाजवाद पार्टी ने किनारा कर लिया है. लेकिन अब मौर्य के बाद सपा नेता और पूर्व विधायक ने इस मामले में अपनी बात रखी है.
मुरादाबाद जनपद के तिन्दवारी विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर विधायक रह चुके ब्रजेश प्रजापति ने कहा कि रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों से आदिवासी, दलित, पिछड़े समाज और महिलाओं को ठेस पहुंचती है. बयान के साथ ही ब्रजेश प्रजापति ने सोशल मीडिया में भी रामचरित मानस की एक चौपाई को हाईलाइट करते हुए पोस्ट डाली. उसमें उन्होंने लिखा ‘इस पर हमारा भी विरोध है.’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादि बयान दिया जिसके बाद सियासी भूचाल सा आ गया. मौर्य ने कहा रामचरितमान को लेकर कहा था कि इसमे कई चौपाईयां सही नही है. सरकार इस किताब पर प्रतिबंध लगाए. इसके बाद प्रदेश भर में लोग मौर्य के बयान का विरोध कर रहे है. सपा ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है. वही सपा मुखिया भी इस बयान से नाराज हैं.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम है. उनका कहना है कि वो ना रामचरितमानस को कुछ कह रहें है ना ही वो श्री राम को पर कोई टिप्पणी कर रहें है. लेकिन उनका कहना है कि रामचरितमानस में कुछ आपत्तिजनक पंक्तियां है जिनको की हटाया जाना चाहिए.
इस मामले को लेकर बीजेपी ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये सपा की विचारधारा है. सपा हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति में विश्वास करती है. समाजवादी पार्टी हमेशा से राम और राम मंदिर का विरोध करते आई है. बीजेपी ने कहा कि सपा को इसका जवाब जनता देगी. ब्रजेश प्रजापति को लेकर कहा कि वो जब तक बीजेपी में थे ऐसी बयानबाजी नही करते थे.
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