UP: हाल ही में सीएम योगी ने आदेश दिया था कि आगामी चैत्र नवरात्र में हर जिले मे कुछ चिन्हित मंदिरो में दुर्गा सप्तशती के पाठ का आयोजन किया जाए साथ ही राम नवमी के खास अवसर पर प्रदेश भर में रामचरित मानस का पाठ किया जाए। इस फैसले को लेकर आदेश भी जारी किया गया था वहीं सरकार के इस फैसले पर विपक्ष हमलावर हो गया है। प्रदेश में इस फैसले को लेकर अखिलेश ने पहले ही सरकार पर हमला बोला था। इस फैसले पर अब सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि ये फैसला देश की महिलाओं का अपमान करने वाला है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ा किए साथ ही कहा कि महिलाओं के अपमान के लिए ये कदम काफी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि “ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी।। उसी सुंदरकांड का हिस्सा, जिसका सरकार ने पाठ कराने का निर्णय लिया है यानी सरकार का यह निर्णय महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित व अपमानित करने वाले 3% लोगों का बढ़ावा देने एवं 97% हिंदू समाज के भावनाओं को आहत करने वाला है।”
ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी।।
उसी सुंदरकांड का हिस्सा, जिसका सरकार ने पाठ कराने का निर्णय लिया है यानी सरकार का यह निर्णय महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित व अपमानित करने वाले 3% लोगों का बढ़ावा देने एवं 97% हिंदू समाज के भावनाओं को आहत करने वाला है।— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 16, 2023
जानकारी हो कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान को लेकर पिछले लंबे समय से सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा था कि रामचरित मानस महाकाव्य में कई ऐसी लाइन है जो दलितों, वंचितों को महिलाओं को अपनामानित करती हैं। उन्होंने सरकार से मांग की थी कि रामचरितमानस पर बैन लगना चाहिए।
सीएम योगी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने फैसला लिया है कि चैत्र नवरात्रि में प्रदेश के सभी जिलों के कुछ चयनित मंदिरों में दुर्गासप्तशती का पाठ किया जाए। वहीं आदेश में कहा गया है कि रामनवमी के खास अवसर पर प्रदेश के मंदिरों में और मठों में रामचरितमानस का पाठ किया जाए एवं सुंदरकांड का आयोजन किया जाए।
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