Nainital News: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में पहाडी मटर का सीजन समाप्त हो गया है। जिसके कारण मटर की मांग बढ़ गई है। वहीं, पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी के कारण पचास प्रतिशत तक मटर की फसले खराब हो गई है।
मटर कम होने के कारण मंडी में मटर के भाव में 40 फीसदी तक इजाफा हुआ है। जो मटर कुछ दिनों पहले तो 40 रुपये किलो तक मिल रहे थे आज वे मटर के दाम 70 रुपये को पार कर गाय है।
नैनीताल शहर के ओखलकांडा, रामगढ़, सूपी, सुनकिया, सतबुंगा, हरतोला, नथुवाखान समेत अल्मोड़ा जिले से भी पहाड़ी मटर हल्द्वानी मंडी आती है। पिछले साल तक अप्रैल तक रोजाना करीब 1000 क्विंटल मटर हल्द्वानी मंडी पहुंचती थी। मगर इस बार प्रतिदिन 500 क्विंटल पहुंच पा रही है। पहाड़ी मटर की गुणवत्ता अच्छी होने का कारण इसकी मांग लखनऊ, बरेली, अयोध्या और दिल्ली एनसीआर की मंडियों में भी रहती है।
किसानों का कहना है की बेमौसम की बरसात ने इस साल किसानों की कमर तोड़ दी है। 50 प्रतिशत मटर खराब हो चुकी है। गेहूं, टमाटर, प्याज की खेती को भारी नुकसान पहुचा है। साथ ही किसानों ने सरकार से ये गुहार लगाई है की, सरकार किसानों को उचित मुआवजा दे।
आलू-फल आढ़ती व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश जोशी ने बताया कि पहाड़ी मटर की उत्तराखंड, यूपी और दिल्ली की मंडियों में भारी मांग है। मटर की फसल खराब होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है वहीं मटर के दाम में भी भारी इजाफा हुआ हैं।
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