Uttarakhand NEWS: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM) ने उत्तराखंड(Uttarakhand) के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को धन्यवाद दिया है। जनरल ने राज्य में भर्ती परीक्षाओं में अनुचित तरीकों के इस्तेमाल को रोकने के लिए जारी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी मिल जाने के बाद उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश नामक एक कानून बन गया है।
उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों के मुद्रण से लेकर परिणाम तक प्रकाशित करने के लिए अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने वालों को अब सजा के रूप में आजीवन कारावास तक की सजा देने का प्रावधान हो गया है। अपराधी पर दस करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है। अर्थात गलत तरीको से कमाई गयी उनकी संपत्ति को कब्जे में ले लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद राज्यपाल को धन्यवाद दिया है। धामी ने ट्वीट कर कहा “नकल विरोधी कानून” के अध्यादेश को माननीय राज्यपाल जी द्वारा त्वरित रूप से स्वीकृत किए जाने पर हार्दिक आभार! इसके साथ ही अब प्रदेश में होने वाली प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा में “नकल विरोधी कानून” लागू होगा।
आपको बता दें कि हाल ही में परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सामने आया था। जिसके कारण बेरोजगार युवा देहरादून में सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। जिसके बाद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं के नकल को रोकने के लिए एक अध्यादेश जारी करने को अपनी मंजूरी दी थी। वहीं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
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