India News(इंडिया न्यूज़), China Virus: चीन में रहस्यमय निमोनिया के प्रकोप को देखते हुए भारत के कई राज्य अपने बुनियादी चिकित्सा ढांचे में सुधार कर रहे हैं। चीन में बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके कारण उत्तरी हिस्से में स्कूलों को बंद करना पड़ा है। चीन में फैल रही इस बीमारी को देखते हुए भारत सरकार भी तैयार हो गई है।
पिछले हफ्ते, केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए कहा था और कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में बच्चों में सांस की बीमारी के मामलों में वृद्धि पर बारीकी से नजर रख रहा है। इसके अलावा, राज्यों को इन्फ्लूएंजा, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, पीपीई आदि के लिए अस्पताल के बिस्तरों, दवाओं और टीकों की जांच करने के लिए भी कहा गया है। रेस्पिरेटरी मेडिसिन एशियन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. मानव मनचंदा ने चीन में फैले इस वायरल के बारे में विस्तार से बात की।
डॉ. मानव मनचंदा ने कहा कि चीन में फैल रही बीमारी किसी एक वायरस के कारण नहीं है, बल्कि यह कई वायरस का मिश्रण है। एक फ्लू वायरस, आरएसवी और एडेनो वायरल जो आमतौर पर ठंड के मौसम में फैलता है। इसके अलावा माइकोप्लाज्मा बैक्टीरियल संक्रमण भी है, जो बच्चों में फैल रहा है। इन तीन-चार संक्रमणों ने चीन में बच्चों को प्रभावित किया है। डॉ. मनचंदा ने कहा कि किसी भी श्वसन संक्रमण में ऐसे ही लक्षण दिखते हैं, जैसे कोविड में भी थे। खांसी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द आम लक्षण हैं।
चीन से जब से कोविड वायरस फैला है, तब से दुनिया किसी भी नए वायरस को लेकर बेहद सतर्क हो गई है। इसलिए भारत भी इसे लेकर कदम उठा रहा है, जो सही भी है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारी कई बार सही जानकारी नहीं देते हैं, इसीलिए एडवाइजरी आई है कि सावधानी बरतें कि अगर बच्चे बीमार हैं तो उन्हें स्कूल न भेजा जाए और अगर वे बीमार हैं तो किसी के ज्यादा संपर्क में न आएं ।
हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाना बहुत अच्छा अभ्यास है, यह किसी भी प्रकार के वायरस और संक्रमण से बचने में मदद करता है। कोविड के समय में जब लोगों ने इनका पालन किया तो वे न सिर्फ कोरोना बल्कि अन्य संक्रमणों से भी बचे रहे। डॉ. मनचंदा ने कहा कि किसी भी श्वसन संक्रमण में ऐसे ही लक्षण दिखते हैं, जैसे कोविड में भी थे। खांसी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द आम लक्षण हैं, लेकिन इस बार ये लक्षण कोविड जितने गंभीर नहीं हैं।
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