Friday, July 5, 2024
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Javed Akhtar: पाकिस्तान पर फिर भड़के जावेद अख्तर, उर्दू भाषा को लेकर कही ये बड़ी बात

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इंडिया न्यूज: (Javed Akhtar: Javed Akhtar got angry again on Pakistan, said this big thing about Urdu language): बॉलीवुड लिरिक्स और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर अक्सर अपने बयानों की वजह से  सुर्खियों में बने रहते हैं। बता दें हाल ही में जावेद अख्तर लाहौर में एक इवेंट में शामिल होकर वहीं के लोगों को खरी-खोटी सुना कर आए थे। जिसके बाद भारतीय सोशल मीडिया युर्जस ने सोशल मीडिया पर जावेद अख्तर की जमकर तारीफ की थी। जिसके बाद एक बार फिर से जावेद अख्तर अपने एक नए बयान की वजह से चार्च में आ गए है, दरअसल हाल ही में जावेद अख्तर ने पत्नी शबाना आजमी के साथ मिलकर उर्दू एल्बम ‘शायराना सरताज’ लॉन्च की थी।

खबर में खासः-

  • जावेद अख्तर ने पत्नी शबाना आजमी के साथ मिलकर उर्दू एल्बम ‘शायराना सरताज’ लॉन्च की
  • उर्दू भाषा के महत्व के बारे में बातया
  • र्दू पाकिस्तान या मिस्र की नहीं है, यह ‘हिंदुस्तान’ की है
  • भाषा का संबंध किसी विशेष धर्म से नहीं होता
  • जावेद ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर की थी बात
  • उर्दू हिंदुस्तानी भाषा है

जहां उन्होंने उर्दू भाषा के महत्व के बारे में बातया और इसके पिछले विकास और प्रमुखता में पंजाब की भूमिका पर बात की जो इस समय तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने इस इवेंट में ये भी कहा कि उर्दू पाकिस्तान या मिस्र की नहीं है, यह ‘हिंदुस्तान’ की है। वेटरन गीतकार और लेखक ने पंजाब से लगभग विलुप्त हो चुकी ‘उर्दू’ भाषा में कविताओं के बारे में बात की और इसे आज भी जिंदा रखने के लिए डॉ सतिंदर सरताज की तारीफ भी की।

उर्दू हिंदुस्तानी भाषा है

जावेद अख्तर के अनुसार उर्दू भाषा के विकास में पंजाब का बहुत बड़ा रोल है। उन्होंने कहा, “उर्दू किसी और जगह से नहीं आई है। ये हमारी हिंदुस्तान की भाषा है। ये हिंदुस्तान के बाहर नहीं बोली जाती। ये पाकिस्तान या इजिप्ट की भाषा नहीं है। पाकिस्तान का भी पहले कोई वजूद नहीं था। वो भी हिंदुस्तान से ही निकला है।” आगे जावेद अख्तर कहते है की, “हमने ये भाषा (उर्दू) क्यों छोड़ दी, पाकिस्तान की वजह से? अगर पाकिस्तान ये कहे कि कश्मीर उसका तो क्या आप मान लेंगे। इसी तरह उर्दू भी हिंदुस्तान की ही एक भाषा है, जिस पर हम सभी को ध्यान देना चाहिए।

भाषा का संबंध किसी विशेष धर्म से नहीं होता

आजकल नई जेनरेशन वाले अंग्रेजी पर ज्यादा फोकस करते हैं। युवा पीढ़ी और लोग उर्दू और हिंदी कम बोलते हैं। हमें हिंदी में बात करनी चाहिए, क्योंकि ये हमारी राष्ट्रभाषा है। जावेद अख्तर ने ये भी कहा कि भाषा का संबंध किसी विशेष धर्म से नहीं होता बल्कि क्षेत्रों पर आधारित होता है। अगर भाषा का संबंध धर्म से होता तो पूरे यूरोप में एक ही भाषा बोली जाती।”

जावेद ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर की थी बात

बता दें कि जावेद पिछले महीने फेमस उर्दू शायर फैज अहमद फैज की याद में लाहौर में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे। इस दौरान जावेद का भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर बोलते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। लेखक ने कहा था, “मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं होगा कि हमने अपने देश में नुसरत (फतेह अली खान) साहब और मेहदी हसन साहब के इतने भव्य समारोह आयोजित किए हैं, लेकिन आप लता (मंगेशकर) का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सके।”

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