India News (इंडिया न्यूज़), Russian Crude Oil: एक यूरोपीय शोध संस्थान ने दावा किया है कि भारत पिछले 13 महीनों में रूस से आयातित कच्चे तेल को G-7 के नेतृत्व वाले गठबंधन देशों में परिष्कृत कर रहा है। यह विकेंद्रीकरण के माध्यम से पेट्रोलियम (Russian Crude Oil) उत्पादों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत ने अपने आयात में यूरोप को भेजने के लिए अपने तकनीकी योगदान का प्रदर्शन किया है।
यूरोप के कुछ देशों ने रूस से कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया। भारत ने अपने उच्च गुणवत्ता और कम लागत के लिए रूस से बड़े पैमाने पर कच्चे तेल का आयात किया है। यह उपयोगी था भारत के लिए जो अपने आयात बिल को कम करने में मदद की।
फिनलैंड स्थित शोध संस्थान ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ (सीआरईए) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत रूस से आयातित कच्चे तेल को परिष्कृत कर जी-7 देशों और यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया को निर्यात कर रहा है। बता दें कि पेट्रोलियम उत्पादों का सबसे ज्यादा निर्यात रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर रिफाइनरी से किया गया।
CERA ने कहा, तेल मूल्य सीमा लागू होने के बाद से 13 महीनों में, इन देशों ने रूसी कच्चे तेल से परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के भारतीय निर्यात का एक तिहाई हिस्सा लिया है। भारत ने रूसी तेल की मदद से इन देशों को 6.65 अरब डॉलर का निर्यात किया है। इस निर्यात का बड़ा हिस्सा जामनगर स्थित रिलायंस रिफाइनरी से हुआ है।
बताया गया है कि भारत ने इन उत्पादों को उन देशों में भेजने के लिए रूस से 3.04 अरब यूरो का कच्चा तेल आयात किया था, जिन्होंने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाए हैं। भारतीय सरकार की यह कदम सुनिश्चित करता है कि यूरोप में ऊर्जा की कमी नहीं होती और भारत अपने विदेशी रिश्तों को मजबूत करता है।
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