(Despite the strictness of the state government, the movement is not working):विद्युत विभाग प्रदेश (pradesh) सरकार की सख्ती के बावजूद विद्युत कर्मियों (electrical personnel) का आंदोलन खत्म होने के बजाय तेज होता जा रहा है।
शुक्रवार को विधुत विभाग के निजीकरण, पुरानी पंशन बहाली, वेतनमान बढ़ाए जाने और विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति व सरकार के बीच समझौते हुए।
जिसको लागू न किए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर विधुत विभाग के सैकड़ों आंदोलनकारी कर्मियों ने शुक्रवार को अधिशाषी अभियंता कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
आंदोलनकारी विद्युतकर्मियों का प्रदर्शन आज भी जारी रहा। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा की सरकार विधुत विभाग का निजीकरण करके कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
सरकार हमारी मांगों को पूरा करने के बजाय हमे एस्मा के नाम पर धमका रही है। उन्होंने कहा की सबको मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए तथा निजीकरण का खुलकर विरोध होने चाहिए।
वक्ताओं ने कहा की हम सरकार की धमकी से डरने वाले नही है। हम आर पार की लड़ाई लड़ेंगे । जूनियर इंजीनियर संघ के जिला अध्यक्ष के के तिवारी ने कहा की हमारी कोई नई मांग नही है हम सिर्फ 3 माह पूर्व जो ऊर्जा मंत्री द्वारा हमारे संगठन से वादा किया गया था उसी को पूरा करने की मांग कर रहे है । उन्होंने कहा की जब तक ऊर्जा मंत्री द्वारा किया गया वादा पूरा नहीं किया जाता है कर्मचारी किसी भी दशा में पीछे हटने वाले नही है।
विधुत कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिले की विधुत सप्लाई व्यवस्था चरमरा गई है। जिले के चार विधुत उपकेंद्र बंद हो गए है। इसी तरह 18 फीडर से विधुत सप्लाई ठप्प हो गई है।
बलरामपुर नगर में आधा शहर पिछले 24 घंटे से विधुत आपूर्ति बाधित है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ नगर के गदुरहवा, बलुहा, निमकोनी, नहर बालागंज, मुरलीपुर, ठेढ़ी बाजार, सहित अनेक मोहल्ले अधेरे में डूबे हुए है।
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