अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अब तक 10 लाख से अधिक एस्टेरॉयड की पहचान कर चुका है। नासा लगातार पृथ्वी के निकट मौजूद स्टेरॉयड्स से जुड़े खतरे से बचने के लिए डार्ट मिशन लांच करने जा रही है। इससे क्या हमें किसी तरह का कोई खतरा है? इसका हम पर क्या असर होगा? इन सभी सवालों के जवाब हम इस पोस्ट में देंगे।
2 मार्च, 2031 को ये पृथ्वी के करीब से गुजर सकता है 4660 Nereus Asteroid
इस एस्टेरॉयड को वैज्ञानिकों ने 4660 नेरियस (4660 Nereus Asteroid) नाम दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह एस्टेरॉयड 22 मार्च, 2011 को भी पृथ्वी के पास से गुजरा था। वैज्ञानिकों के अनुसार अगली बार यह 2 मार्च, 2031 को ये पृथ्वी के करीब से गुजर सकता है। इसके बाद फिर ये नवंबर 2050 को धरती के नजदीक आएगा। वैज्ञानिकों की माने तो 14 फरवरी 2060 को पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक से एक एस्टेरॉयड गुजरेगा।
क्या है 4660 नेरियस एस्टेरॉयड? What is 4660 Nereus Asteroid
यह एक प्रकार का उल्का पिंड है। इसे वैज्ञानिकों ने 4660 नेरियस एस्टेरॉयड का नाम दिया है। वैज्ञानिकों ने इसे खतरनाक आब्जेट की कैटागिरी में रखा गया है। इस कैटागिरी में ऐसे एस्टेरॉयड को रखा जाता है, जो धरती की आॅर्बिट से 74.8 लाख किलोमीटर के अंदर से गुजरता है और 140 मीटर से ज्यादा बड़ा होता है।
क्या होता है एस्टेरॉयड? What are Asteroids?
आपने किताबों में पढ़ा ही होगा कि एस्टेरॉयड भी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। ये चट्टान से बने होते हैं। ये एस्टेरॉयड आकाशगंगा के हिसाब से धूल के कण जितने होते हैं। इसलिए इन आब्जेक्ट्स को एस्टेरॉयड कहा जाता है। इनको प्लेनेटॉइड्स या माइनर प्लेनेट्स भी कहा जाता है।
एफिल टावर से बड़ा एस्टेरॉयड बढ़ रहा है पृथ्वी की ओर
नासा ने बताया कि एफिल टॉवर जितना बड़ा एक एस्टेरॉयड पृथ्वी की ओर आ रहा है। नासा की ओर जारी की गई जानकारी के मुताबिक, ये एस्टेरॉयड धरती से होकर गुजरेगा, जिसका आकार एफिल टॉवर से 10 गुना ज्यादा बड़ा है। इसे दूसरे शब्दों में कहें तो ये फुटबॉल के मैदान से तीन गुना बड़ा है। नासा ने इस एस्टेरॉयड का नाम 4660 नेरियस रखा है।
धरती से 4660 नेरियस एस्टेरॉयड की दूरी
Asteroid turns towards Earth: नासा (NASA) ने अपनी रिसर्च में बताया कि, 4660 नेरियस 11 दिसंबर को धरती से होकर गुजरने के बाद कम से कम 10 साल तक यहां नहीं आएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती से 4660 नेरियस एस्टेरॉयड की दूरी 3.9 मिलियन किलोमीटर यानि धरती और चांद के बीच की दूरी का 10 गुना है। एस्टेरॉयड 330 मीटर लंबा है। स्पेस रेफरेंस के मुताबिक अंतरिक्ष में मौजूद 90 फीसदी एस्टेरॉयड इससे छोटे हैं। नेरियस 1982 में खोजे गए अपोलो ग्रुप का ही सदस्य एस्टेरॉयड है।