India News UP (इंडिया न्यूज़), Airavat-3 drone test: दुर्गम पहाड़ी इलाकों में घायल सैन्यकर्मियों को (Airavat-3 drone test) तत्काल इलाज मुहैया कराने के लिए ड्रोन अब एयर एंबुलेंस की तरह काम करेंगे। आयुध उपकरण फैक्ट्री, हजरतपुर, फिरोजाबाद ने दो क्विंटल तक वजन उठाने में सक्षम एम्बुलेंस ड्रोन ऐरावत-3 विकसित किया है, ताकि भविष्य में चीन-पाकिस्तान सीमा पर ऊंचाई पर फंसे घायल और बीमार सैनिकों को तुरंत पहुंचाया जा सके। उपचार केन्द्रों के लिए। यह ड्रोन सीमाओं की निगरानी में भी कारगर साबित हो सकता है। इसमें रडार सिस्टम भी जोड़ा जा रहा है ताकि बर्फीले तूफान में फंसे सैनिकों के बारे में आकलन किया जा सके।
ड्रोन को फिरोजाबाद के हजरतपुर स्थित आयुध उपकरण फैक्ट्री ने नई तकनीक से तैयार किया है। जिससे युद्ध के दौरान घायल सैनिकों को मदद मिलेगी और पहाड़ियों और तेज हवाओं को पार करते हुए सामान ले जाने में मदद मिलेगी। यह ड्रोन हिमालय की पहाड़ियों में भी उड़ान भरने में सक्षम है। इसकी क्षमता अन्य ड्रोन से कई गुना ज्यादा है। वहीं, सेना के जवानों के लिए यह ड्रोन किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा। फिलहाल इस ड्रोन का ट्रायल चल रहा है।
ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री के महाप्रबंधक ने बताया कि भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। फिरोजाबाद फैक्ट्री ने हर वातावरण में उड़ान भरने में सक्षम ड्रोन ऐरावत तैयार किया है। यह ड्रोन न सिर्फ जंगलों में बल्कि हिमालय की पहाड़ियों में भी आसानी से उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन बर्फीले इलाकों के लिए अधिक उपयोगी माना जाता है। प्रतिकूल मौसम में भी यह ड्रोन एक घंटे में 18 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
महाप्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि इस ड्रोन को बनाने का उद्देश्य आपात स्थिति में सैनिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। यह ड्रोन विशेष रूप से ऊंचाई वाले और दुर्गम क्षेत्रों के लिए बनाया जाएगा, ताकि समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके। खास बात यह है कि इसे स्वदेशी पार्ट्स की मदद से विकसित किया गया है। 2 क्विंटल वजनी यह ड्रोन विपरीत मौसम में भी एक घंटे में 18 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन की कुल कीमत 65 लाख रुपये है। ऐरावत सेना को अभी 20 ड्रोन की आपूर्ति की गई है।
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