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Allahabad High Court: बालगृहों की हालत जेल से भी बदतर… हवा और रोशनी छोड़ पौष्टिक भोजन की भी कमी

• LAST UPDATED : October 21, 2023
India News(इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को स्थिति में सुधार के लिए नौ बिंदुओं पर निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि बालगृहों की हालत जेलों से भी खराब है। यहां बच्चों को पौष्टिक भोजन  नहीं मिलता। इसके साथ की ताजी हवा और रोशनी की भी ज़रूरत है।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बालगृहों की स्थिति पर चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा है कि यूपी के बाल गृहों में रह रहे बच्चों को पौष्टिक आहार ही नहीं, बल्कि उन्हें सूरज की रोशनी, ताजी हवा की भी बहुत ज़रूरत है। यहां की स्थिति जेलों से भी बदतर है।

कोर्ट ने कमियों को तुरंत दूर करने के लिए दिया निर्देश

यह मौलिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने कमियों को तुरंत दूर करने के लिए निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई पर महिला एवं बाल विकास विभाग यूपी के प्रमुख सचिव अवलोकन कर बच्चों की संख्या, बालगृहों की संख्या बताएं। साथ ही सुधार के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी व्यक्तिगत हलफनामा पर प्रस्तुत करें।यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने सुधार के लिए कुल नौ बिंदुओं पर सुझाव दिए हैं। कहा है कि इनपर तुरंत अमल किया जाए। कोर्ट ने आदेश में बालगृहों का निरीक्षण करने वाले न्यायमूर्ति अजय भनोट का नाम भी दर्ज किया है।

बालगृहों में तैनात अधीक्षक या कर्मचारी निपुण नहीं (Allahabad High Court)

कोर्ट ने कहा है कि न्यायमूर्ति के निरीक्षण में कई कर्मियों का पता चला। इस उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जब तक बालगृहों के लिए एक मानक नहीं बनाया जाता तब तक इनको ऐसी जगह स्थानांतरित किया जाए, जहां खेल के मैदान समेत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों।कोर्ट ने कहा कि बालगृहों में तैनात अधीक्षक या कर्मचारी निपुण नहीं हैं। इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
बच्चों के खाद्य पदार्थ सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए कई वर्षों से बजट आवंटन में संशोधन नहीं किया गया है।इसका भी बच्चों के विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बालगृहों में शैक्षिक सुविधाएं बढ़ाई जाएं। व्यावसायिक प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की जाए। बच्चों को आसपास के स्कूलों में दाखिला कराया जाए।
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