Basant Panchami : (This year, a very special yoga is being made on Basant Panchami.): दुनिया की सबसे पुरानी धर्म हिंदू धर्म में हर त्यौहार का अपना विशेष महत्व होता है। बसंत पंचमी का भी वैसे ही महत्व है।
माघ शुक्ल पश्च की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता हैं। बसंत पंचमी के दिन सभी हिन्दू घरों में मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। आपको बता दे, इस साल बसंत पंचमी पर काफी खास योग बन रहा है। कई जगहों पर बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन के रूप में भी मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की अराधना की जाती हैं।
बसंत पंचमी के दिन पढ़ने-लिखने वाले हर बच्चे को सुबह उठकर, स्नान आदि कर मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन बच्चे को पढ़ने और लिखने की शुरूआत के रूप में बेहद ही अच्छा माना जाता है। इस दिन भोग लगाने के लिए केसर की खीर शुभ माना जाता हैं।
बसंत पंचमी को साल के अबूझ मुहूर्तों में से एक माना जाता है। इसी के कारण इस दिन शादी-विवाह, बच्चों का मुंडन और गृह प्रवेश कोई भी अन्य शुभ काम बिना मुहूर्त देखें किए जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे काम है जिन्हें बसंत पंचमी के दिन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती का प्रिय रंग पीला है। इसलिए इस दिन पीले रंग के ही वस्त्र पहनें। बसंत पंचमी के दिन के दिन स्नान करते समय पानी में थोड़ी सी हल्दी डाल लें। आज के दिन माना जाता है की स्नान के समय पिले रंग का इस्तेमाल करने से सभी निगेटिव पावर ख़तम हो जाती है।
आमतौर पर सभी जानते हैं कि बसंत पंचमी के दिन पीले या हरे रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं। इसलिए इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस दिन पीले, सफेद या धानी रंग के वस्त्र पहन सकते हैं।बसंत पंचमी के दिन ही बसंत ऋतु का भी आरंभ हो जाता है। आज के दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। कोशिश करें कि सात्विक भोजन ही करें।