कोरोनावायरस का खतरा एक बार फिर से यूपी में बढ़ना शुरू हो गया है। ये काफी तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। जानकारी दें कि वायरस उतना ज्यादा खतरनाक नहीं है। लेकिन इसकी संक्रामक दर बहुत अधिक है। साल 2021 में यूपी में कोरोना की लहर देखने को मिली थी। हजारों लोगों की जान इस वायरस से संक्रमित होकर चली गई। लेकिन कोविड का असर लंबे तौर पर बॉडी में देखने को मिल रहा है। कोरोना अकेला ही नहीं आया, लोगों में जिस तरह की परेशानियां देखने को मिल रही है। इससे कई बीमारी होने का खतरा है।
कोरोना से संक्रमित होने पर पेशेंट में लंग्स प्रॉब्लम भी देखने को मिली है। कोरोना ने लोगों के फेफड़ों को बहुत कमजोर किया है। इसी कारण जो पहले कोरोना की चपेट में आए लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। थोड़ा सा ही चलने और काम करने पर सांसें फूलने लगती है। कोरोना से संक्रमित लोग अस्थमैटिक, ब्रोकाइंटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी बीमारी तेजी से होती है।
कोरोना के बाद से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के मामलों में 40 फीसदी तक बढ़ोत्तरी पाया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना में लोग घरों में कैद हो गए। इसी कारण से इस तरह की दिक्कतें हुई। डिप्रेशन, एंग्जाइटी, मैमोरी लॉस जैसी समस्याओं ने जन्म लेने लगी।