India News UP (इंडिया न्यूज़),Dengue: मौसम में बदलाव के साथ इस बीमारी के बढ़ने की संभावना है। यह एडीज एजिप्टी नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक वायरल संक्रमण है, जो आर्द्र और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि खसरे का कोई इलाज नहीं है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सर्जरी ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग अपने आहार में पपीता या अन्य सामग्री शामिल करते हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता है। बेहतर होने के बजाय, दस्त का खतरा बढ़ जाता है।
डेंगू के मरीजों को लिक्विड डाइट सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह बहुत खतरनाक हो सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन मरीजों को प्लाज्मा नहीं दिया जाता है, उनमें हाइपोवोलेमिक शॉक विकसित होने का खतरा होता है।
वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पपीते में एल्काइल ऑक्साइड, ग्लाइकोसाइड, टैनिन, सैपोनिन और फ्लेवोनॉयड जैसे सक्रिय यौगिक पाए जाते हैं, जो मात्रा में काफी प्रभावी होते हैं। यह रोगी के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करता है।
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कई शोधों से पता चला है कि पपीते के पत्तों से तैयार किया हुआ जूस बहुत ही जादुई है। इसमें इस्तेमाल होने वाले पदार्थ में दो यौगिक होते हैं 1-बीटा-डी-राइबोफ्यूरानोसिल-3-एथिनिल जिसे टेरीज़ोल (ईटीएआर) और 1-बीटा-राइबोफ्यूरानोसिल-4-एथिनिल जिसे इमिडाज़ोल कहा जाता है। शरीर में मौजूद वायरस को दलितों से अलग किया जाता है। इसके साथ ही नामांकन के प्रतिभागियों की प्लेट संख्या भी बढ़ रही है।
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