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Electronic Soil : इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी से 15 दिन में दोगुनी होगी फसल की पैदावार, जानें कैसे होगा इस्तेमाल

• LAST UPDATED : December 27, 2023

India News (इंडिया न्यूज़) Electronic Soil : वैज्ञानिकों ने अब इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी यानी eSoil को विकसित कर लिया है । दावा है कि eSoil की मदद से मात्र 15 दिन के अंदर फसल की उपज को दोगुना किया जा सकता है। जानिए क्या है eSoil और इसमें ऐसा क्या है जिससे फसल 15 दिन में दोगनी हो गई।

क्या है इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी

वैज्ञानिकों ने अब इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी यानी ईसॉइल विकसित की है। उनका दावा है कि यह मिट्टी खेती के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती है। इसे विकसित करने वाले स्वीडन की लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि eSoil की मदद से सिर्फ 15 दिनों में फसल की पैदावार दोगुनी की जा सकती है। पीएनएएस जर्नल में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के मुताबिक, अब शहरों में भी ई-मिट्टी के जरिए खेती की जा सकेगी। खराब मौसम के बावजूद खेती हो सकेगी ।

लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर एलेनी ने इस मिट्टी का प्रयोग जौ के पौधों पर किया, जिसके आश्चर्यजनक परिणाम मिले हैं। जानिए क्या है eSoil और इसमें ऐसा क्या है जिससे 15 दिन में फसल दोगुनी हो गई ।

इलेक्ट्रॉनिक मृदा क्या है?

वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने ऐसी मिट्टी विकसित की है जो सामान्य मिट्टी से भी ज्यादा उपजाऊ है। इसमें पौधे तेजी से बढ़ते हैं । वैज्ञानिकों ने मिट्टी को इस तरह से तैयार किया है कि उसमें बिजली प्रवाहित करके खेती के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने इसे इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी का नाम दिया है ।

शोध से जुड़े शोधकर्ताओं का मानना है कि दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ रही है। दुनिया जलवायु परिवर्तन से गुजर रही है । भविष्य में, वर्तमान कृषि पद्धतियों का उपयोग करके फसलें उगाना पर्याप्त नहीं होगा। ऐसे में ये तरीके बेहद कारगर साबित होंगे।

प्रयोग कैसे किया गया?

वैज्ञानिकों ने जौ के पौधों पर इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी का प्रयोग किया है। जिसमें रूट सिस्टम पर बिजली का उपयोग किया गया है। इसे पानी में पौधे उगाने की विधि पर आधारित किया गया है, जिसे हाइड्रोपोनिक्स कहा जाता है। हाइड्रोपोनिक्स पौधों को उगाने की एक विधि है जिसमें बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है।

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस विधि से जौ, जड़ी-बूटियाँ और कुछ सब्जियाँ पहले से ही उगाई जा रही हैं। शोध में शोधकर्ताओं ने साबित किया है कि इस विधि से न केवल जौ उगाया जा सकता है बल्कि विद्युत उत्तेजना के माध्यम से इसके विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यानी उनकी ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी कैसे बनाई गई?

ई-मिट्टी सेलूलोज़ से बनाई जाती है। यह एक बायोपॉलिमर है । जिसमें विद्युत उत्तेजना की गई। अनुसंधान से पता चला है कि इसमें बहुत कम ऊर्जा का उपयोग होता है और उच्च वोल्टेज का कोई खतरा नहीं होता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि नए अध्ययन ने हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिए खेती को बढ़ावा देने के नए रास्ते खोल दिए हैं। इस शोध की मदद से फसल उत्पादन का दायरा बढ़ाया जा सकता है। यह खाद्य सुरक्षा का कोई बड़ा समाधान भले ही न दे, लेकिन ऐसे स्थानों के लिए यह एक बड़ी राहत तकनीक होगी, जहां का वातावरण खेती के लिए उपयुक्त नहीं है या खेती के लिए उपयुक्त प्राकृतिक मिट्टी नहीं है।

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