इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Employment After Studying in UP Polytechnic: पालीटेक्निक करने के बाद प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले इसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर ली हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद में प्लेसमेंट से नई व्यवस्था को लेकर मंथन शुरू हो गया है। मानसिक विकास और रोजगार की संभावनाओं की तलाश के लिए गैर सरकारी संस्थानों और फाउंडेशन की मदद लेने की योजना है।
सचिव प्राविधिक शिक्षा सुनील कुमार सोनकर ने अधिक जानकारी देते हुए बताया है कि प्राविधिक शिक्षा मंत्री, जितिन प्रसाद निर्देशन में प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा डिप्लोमा सेक्टर में बेहतर प्लेसमेंट के लिए उद्योग समन्वय में सुधार, इंटर्नशिप बढ़ाने के लिए पालीटेक्निक संस्थानों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने का प्रयास किया जाएगा। प्रशिक्षण में सुधार करने के लिए निजी क्षेत्र, अनुसंधान संस्थान, गैर-सरकारी-गैर-लाभकारी संगठन, समुदाय-आधारित संगठन या फाउंडेशन को नालेज पार्टनर बनाया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से एक समझौता के माध्यम से उद्यमिता विकास और समर्थन कार्यक्रम, डेटा समर्थित निगरानी और मूल्यांकन ढांचा विकसित करने और परिणाम आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। छात्रों के सीखने के अनुभव को आकर्षक बनाने व अधिक सीखने की ललक पैदा करना ही समझौते का मुख्य उद्देश्य है। छात्राओं का पालीटेक्निक में प्रवेश के प्रति रुझान बढ़े इसका भी प्रयास किया जाएगा।
डिप्लोमाधारी युवाओं की पढ़ाई और औद्योगिक प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा। किताबी ज्ञान के साथ प्रेक्टिकल के माध्यम से तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा। बाजार मांग के हिसाब से डिप्लोमाधारियों को तैयार करने से उन्हें नौकरी पाने में दिक्कत नहीं होगी। वर्तमान समय में प्रदेश में 154 सरकारी, 19 सहायता प्राप्त और 1177 निजी पालीटेक्निक संस्थान हैं। जिनमें करीब चार लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं और एक लाख विद्यार्थी हर साल डिप्लोमा पूरा करते हैं। अभी कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से 5 से 8 फीसद विद्यार्थियों का चयन होता है।