India News (इंडिया न्यूज) To Control Blood Pressure : हाई बीपी की समस्या आज लोगों के बीच आम समस्या बन गई है। इस हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। सुस्त लाइफस्टाइल, मोटापा, जरूरत से ज्यादा तनाव, धूम्रपान और खानपान की बिगड़ती आदतें बीपी बढ़ने का कारण बनती हैं। जिसकी वजह से बीपी रोगियों को हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। अकसर लोग अपने ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि कुछ नेचुरल तरीकों बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए कैसे..
हाई बीपी के लक्षण
-थकान महसूस होना
– सिर दर्द
– चक्कर आना
-सांस लेने में कठिनाई
– सीने में दर्द
भ्रामरी प्राणायाम-
भ्रामरी प्राणायाम करने से तनाव से छुटकारा तो मिलता ही है। साथ ही थायराइड, साइनस, माइग्रेन और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है। नियमित रूप से भ्रामरी प्राणायाम करने पर व्यक्ति को ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठकर अपने दोनों हाथों के अंगूठों से कान बंद करें। फिर अपनी तर्जनी उंगुली को माथे पर रखें। इसके बाद मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगुली को आंखों के ऊपर रखते हुए अपने मुंह को बंद करें। ऐसा करते हुए सामान्य गति से नाक से सांस लें और अपनी नाक से ही आवाज निकालते हुए सांस छोड़ें। इस प्राणायाम को आप करीब 5 मिनट तक करें।
अनुलोम-विलोम-
रोजाना सुबह खाली पेट अनुलोम विलोम करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह भी बेहतर होता है। इसके अलावा अनुलोम-विलोम सांस संबंधी रोगों को ही नहीं बल्कि तनाव को भी दूर करने में मदद करता है। अनुलोम विलोम करने के लिए सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें, बाईं नासिका से सांस लें। ऐसा ही बाईं तरफ से भी करें। अपनी बाईं नासिका को बंद करके दाईं नासिका से सांस छोड़ें। इस प्राणायाम को लगभग 10 मिनट तक करें।
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