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Home Remedies for Sinus: साइनस से परेशान हैं तो अपनाए ये घरेलू नुस्खे

• LAST UPDATED : November 24, 2021

नेचुरोपैथ कौशल:

Home Remedies for Sinus: साइनस नाक का एक रोग है जिसे आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के लक्षण होते हैं। इसमें रोगी को हल्का बुखार, आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द रहता है। तनाव, निराशा के साथ ही चेहरे पर सूजन आ जाती है। इसके मरीज की नाक और गले में कफ जम जाता है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति धूल और धुआं बर्दाश्त नहीं कर सकता। साइनस आगे चलकर अस्थमा, दमा जैसी गम्भीर बीमारियों का रूप ले सकता है। इससे गम्भीर संक्रमण हो सकता है।

क्या होता है साइनस Home Remedies for Sinus

साइनस में नाक तो बंद हो जाती है, साथ ही नाक से कफ का बहाव अधिक मात्रा में होता है। चिकित्सा न करने से सभी तरह के साइनस रोग आगे जाकर ह्यदुष्ट प्रतिश्यायह्ण में बदल जाते हैं और इससे अन्य रोग भी जन्म ले लेते हैं। आम धारणा यह है कि इस रोग में नाक के अन्दर की हड्डी बढ़ जाती है या तिरछी हो जाती है जिसके कारण श्वास लेने में रुकावट आती है।

ऐसे मरीज को जब भी ठण्डी हवा या धूल, धुआं उस हड्डी पर टकराता है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है। अन्य शब्दों में साइनस का संक्रमण होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। इस वजह से माथे पर, गालों पर ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है।

साइनस कई प्रकार के होते हैं Home Remedies for Sinus

तीव्र साइनोसाइटिस: इस प्रकार में लक्षण अचानक शुरू होकर दो से चार हफ्तों तक तकलीफ रहती है।

मध्यम तीव्र साइनोसाइटिस: इस प्रकार में साइनस में सूजन चार से बारह हफ्तों तक रहती है।

जीर्ण साइनोसाइटिस: इस प्रकार में लक्षण बारह हफ्तों से अधिक समय तक रहता है।

आवर्तक साइनोसाइटिस: इस प्रकार में रोगी को सालभर बार-बार साइनासाइटिस की समस्या होती रहती है।

साइनस होने के कारण Home Remedies for Sinus

मॉर्डन मेडिकल साइंस ने साइनुसाइटिस को क्रोनिक और एक्यूट दो तरह का माना है, उसी तरह आयुर्वेद में भी प्रतिश्याय को नव प्रतिश्याय ह्यएक्यूट साइनुसाइटिसह्ण और पक्व प्रतिश्याय ह्यक्रोनिक साइनुसाइटिसह्ण के नाम से जाना जाता है।

साइनस की समस्या उत्पन्न होने के सबसे अहम कारण Home Remedies for Sinus

जुकाम: साइनस का सबसे सामान्य कारण जुकाम होता है, जिसकी वजह से नाक निरंतर बहती है या फिर बंद हो जाती है और सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जुकाम एक प्रकार का संक्रामक होता है, जो किसी और के माध्यम से भी आपको चपेट में ले सकता है।

प्रदूषण: साइनस की समस्या प्रदूषण के कारण भी हो सकती है। ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वाले लोग इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। धूल के कण, स्मॉग और दूषित वायु के कारण साइनस की समस्या बढ़ सकती है। ये हानिकारक कण सीधे हमारी श्वास नली पर प्रहार करते हैं। इससे धीरे-धीरे जुकाम, नाक का बहना और दर्द आदि समस्या होती है।

एलर्जी: बहुत से लोगों को नाक संबंधी एलर्जी की शिकायत रहती है। बाहर की दूषित वायु के संपर्क में आते ही यह समस्या बढ़ जाती है। नाक संबंधी एलर्जी मौसम के कारण भी हो सकती है। सर्दियों के दर्द, आवाज में बदलाव, सिरदर्द आदि आम हैं, लेकिन आप इन्हें हल्के में न लें।

नाक की हड्डी बढ़ना: नाक की हड्डी बढ़ने के कारण भी साइनस की समस्या हो जाती है। दरअसल, बचपन या किशोरावस्था में नाक पर चोट लगने या दबने के कारण नाक की हड्डी एक तरफ मुड़ जाती है, जिससे नाक का आकार टेढ़ा दिखाई देता है। हड्डी का यह झुकाव नाक के छिद्र को प्रभावित करता है, जिससे साइनस की समस्या हो सकती है।

अस्थमा: अस्थमा सांस संबंधी गंभीर बीमारी है, जो फेफड़ों और श्वास नलियों को प्रभावित करती है। अस्थमा से ग्रसित मरीज ठीक प्रकार से सांस नहीं ले पाता, जिसके लिए उसे स्पेसर की आवश्यकता पड़ती है।

भोजन: खान-पान में बरती गई लापरवाही भी साइनस का कारण बन सकती है। भोजन की अनियंत्रित मात्रा व पौष्टिक तत्वों की कमी से पाचन तंत्र प्रभावित होता है, जो आगे चलकर साइनस की समस्या की जड़ बन सकता है।

साइनस होने के लक्षण Home Remedies for Sinus

सिरदर्द: साइनस का सबसे सामान्य लक्षण सिरदर्द है। वायु विवर (साइनस कैविटीज) बंद होने या सूजन की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है। सांस लेने के लिए अत्यधिक जोर लगाना पड़ता है। सांस लेने की यह अवस्था भारी सिरदर्द पैदा करती है, क्योंकि इससे आपके सिर और नसों पर दबाव पड़ता है।

बुखार और बेचैनी: साइनस के दौरान मरीज को बुखार भी आ सकता है और बेचैनी या घबराहट भी हो सकती है या फिर बुखार आ सकता है। यह जरूरी नहीं कि साइनस के दौरान बुखार आए।

आवाज में बदलाव: साइनस के कारण नाक से तरल पदार्थ निकलता रहता है और दर्द होता है, जिसका असर आपकी आवाज पर भी पड़ता है। इस दौरान, आपकी आवाज सामान्य से थोड़ी भिन्न हो जाती है। आवाज में भारीपन या धीमापन आ जाता है।

आंखों के ऊपर दर्द: साइनस कैविटीज आपकी आंखों के ठीक ऊपर भी होते हैं, जहां सूजन या रुकावट के कारण दर्द शुरू हो जाता है। इस लक्षण से आप साइनस की पहचान कर सकते हैं।

सूंघने की शक्ति कमजोर होना: खोखले छिद्रों में अवरोध पैदा होने के कारण सूंघने की शक्ति पर प्रभाव पड़ता है। इस अवस्था में नाक बंद हो जाती है और सूजन के कारण इंद्रियां अपना काम ठीक से नहीं कर पाती हैं।

दांतों में दर्द: साइनस संक्रमण के कारण आपके दांतों में भी दर्द हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि साइनस कैविटीज में बनने वाला तरल पदार्थ मैक्सिलरी साइनस (ये खाखले छिद्र नाक के पास होते हैं) के पास ऊपरी दांतों पर दबाव डालता है।

थकान: चिकित्सकों का मानना है कि अगर तेज जुकाम के साथ सिरदर्द, नींद न आना, नाक का बार-बार बंद होना और थकान महसूस होती है, तो यह लक्षण साइनस के हैं।

खांसी: तेज खांसी को भी साइनस का मुख्य लक्षण माना गया है। साइनस से गले और फेफड़े प्रभावित होते हैं, जिससे मरीज खांसी की चपेट में आ जाता है।

साइनस का 100% कुदरती उपचार Home Remedies for Sinus
  • 10 तुलसी पत्र
  • 10 काली मिर्च
  • अदरक 5 ग्राम

सभी को लेकर सिल पर पीसकर 200 मिली पानी मे धीमी आंच पर पकायें पानी आधा रहने पर उताकर छान लें व चीनी मिलाकर पियें यह एक मात्रा है।

  • दिन में तीन बार बनाकर चाय की तरह पियें।
  • दो तीन दिन में साइनस रोग समाप्त हो जायेगा।
  • फिर भी दो तीन दिन और पियें।

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