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Kanpur News : अफसरों के सामने जिंदा जली मां-बेटी: बेटा रोते हुए बोला-हम निकल गए, माँ-बहन जल गईं

• LAST UPDATED : February 14, 2023

(Mother-daughter burnt alive in front of officers: Son said while crying- we left, mother-sister got burnt): कानपुर (Kanpur) के एक गांव मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के सामने ही झोपड़ी के अंदर मां-बेटी जिंदा जल गई। हालांकि दोनों को बचाने के प्रयास में 2 पुलिस कर्मीचारी भी झुलस गए।

शवों को नहीं दिया उठने

मां-बेटी की मौत से आक्रोशित लोगों ने हंगामा करते हुए लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के लोग अपने वाहनों मौके पर छोड़कर भाग गए। इसके बाद आक्रोशितों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, लेखपाल व तहसीलदार व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया।

बचाने के प्रयास मे झुलसें इंस्पेक्टर

दरअसल, डीएम नेहा जैन सोमवार को अपने कार्यालय में जनसुवाई कर रही थीं। उसी दौरान डीएम कार्यालय पहुंचे मड़ौली गांव कुछ लोगों ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव की ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने की शिकायत की। डीएम ने शिकायती पत्र पर एसडीएम को मौके पर जाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक के अलावा राजस्व और रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग की टीम बुलडोजर से ग्राम समाज की जमीन से कृष्ण गोपाल का कब्जा हटना शुरू किया। उसी दौरान अचानक वहां रखी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। उस वक्त घर में मौजूद कृ्ष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) लपटों के बीच फंस गईं। उन्हें बचाने के प्रयास में कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए।

गिड़गिड़ता रहा परिवार

हालांकि इस दौरान कृष्ण गोपाल का कब्जा हटाने राजस्व व पुलिस विभाग के अफसर पहुंचे तो पूरा परिवार गिड़गिड़ाते हुए बोला, साहब टाइम तो आप दे सकते हो, हम गरीब लोगों को सताना चाह रहे हो, बहुत वर्षों से यहां रह रहे हैं। अफसर बोले यह सरकारी जमीन है। पगरीब आदमी का ऐसे नहीं सताव जात है यह कहकर कृष्ण गोपाल और उसका परिवार अफसरों के सामने गिड़गिड़ता रहा, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। अफसर कब्जा हटाते रहे और उनके सामने मां-बेटी जिंदा जल गईं।

गांव के फौजी पर एसओ व लेखपाल से मिलीभगत का आरोप

पत्नी और बेटी की मौत से दुखी कृष्ण गोपाल ने गांव में रहने वाले एक फौजी पर लेखपाल व एसओ से मिलीभगत कर कब्जा हटाने की कार्रवाई कराने का आरोप लगाया है। कृष्ण गोपाल का कहना है कि मामले की शिकायत व अपने और परिवार पर दर्ज एफआईआर को लेकर एसपी से बात करने गया था। एसपी बात सुनने की बजाय उसे मारने दौड़े और कहा भाग जाओ यहां से। डीएम से मिलने गया था, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी।

 

हम निकल गए लेकिन माँ व बहन जल गईं

शिवम ने रोते हुए कहा कि एसडीएम, लेखपाल समेत कई अफसर, रुरा इंस्पेक्टर व गांव के कई लोग घटना में शामिल हैं। कहा कि वह भी घटना के वक्त मां व बहन के साथ झोपड़ी में ही सो रहा था। आग लगने पर वह भागकर बाहर आ गया। फिर मां व बहन को बचाने के लिए वे भीतर गया, लेकिन दोनों के शरीर का वजन ज्यादा था। इसलिए उन लोगों को उठाकर बाहर नहीं ला सका और दोनों की मौत हो गई। इस दौरान कब्जा हटाने आए लोग वहां से भाग गए। शिवम ने साजिश में डीएम समेत कई अफसरों के शामिल होने का भी आरोप लगाया है।

डीएम ने थाने पहुंच घटना की ली जानकारी

मड़ौली गांव में मां-बेटी के जिंदा जलने के बाद गांव पहुंचीं डीएम नेहा जैन घटनास्थल तक पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं। पहले डीएम ने थाने में बैठकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति के दलबल के साथ मौके पर पहुंचने के बाद डीएम भी गांव पहुंचीं हालांकि वह घटनास्थल पर नहीं गई। इसके बाद परिजनों से बिना किसी संवाद के डीएम लौट गईं। फिर मंडलायुक्त व आईजी के मौके पर पहुंचने पर डीएम वहां पहुंची और पीड़ित परिवार से बात की।

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