उत्तर प्रदेश के मैनपुरी (Mainpuri) में गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में दूषित पानी पीने के बाद 21 से अधिक छात्र बीमार पड़ गए और सात अन्य छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामला तब सामने आया जब जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को पता चला कि जिले के एक कॉलेज के बड़ी संख्या में छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) पीपी सिंह और महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल चिकित्सा सेवा केंद्र (सीएमएस) के मदन लाल तुरंत जानकारी लेने और छात्रों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे।
सीएमएस, मदन लाल ने बताया कि यह पाया गया कि एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे कम से कम 21 छात्रों को 9 फरवरी से उल्टी और पेचिश के लक्षणों के साथ एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सात छात्रों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, अन्य को छुट्टी दे दी गई है।
गुरुवार देर रात वाटर कूलर का पानी पीने से इंजीनियरिंग कॉलेज के 21 छात्रों की हालत बिगड़ गई, आनन-फानन में सभी को जिला अस्पताल लाया गया, जहां सात छात्रों को भर्ती कराया गया। अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।”
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “पानी की टंकियों, प्यूरीफायर और कूलर मशीनों से पानी के नमूने नैदानिक परीक्षण के लिए लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग को भेजे गए हैं। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि दूषित पानी बीमारी का कारण हो सकता है।”
कॉलेज के एक शिक्षक ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों की हालत बिगड़ने के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम ने कॉलेज पहुंचकर दूषित पानी का सैंपल जांच के लिए सील कर दिया है।