India News (इंडिया न्यूज़), मार्तंड सिंह, Safe City Project: महिला अपराधों पर लगाम लगाने के लिए अब एआई यानी कि आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी। एआई वे द्वारा एसिड अटैक या फिर महिला पर हमले जैसी घटनाओं पर लगाम लगाई जाएगी। आर्टिफिशिलय इंटेलिजेंस खतरे को भांपकर तत्काल अलर्ट जारी करेगी। मदद के लिए किसी महिला के उठाए गए हाथ को भी एआई पहचान कर एसओएस सिग्नल को जारी कर देगी। जल्दी ही इस तकनीक को सेफ सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया जाएगा।
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष सेफ सिटी परियोजना को लेकर प्रसुस्तिकारण दिया गया था। इसी प्रसुस्तिकारण के दौरान एआई का डेमो भी दिया गया था। इसके बाद अब जल्दी ही इस तकनीक को लखनऊ में लागू किये जाने की बात कही जा रही है। इस तकनीक के लागू होने के बाद महिलाओं से होने वाली अभद्रता, मारपीट जैसी घटनाओ पर लगाम लग सकेगी। साथ ही आरोपियों को हमले के पहले ही चिन्हित कर पीड़ित को मदद पहुंचाई जा सकेगी।
इस तकनीक के माध्यम से भीड़भाड़ वाले और सूनसान इलाकों में महिलाओं का पीछा करने वालों की पहचान की जा सकेगी। यही नही स्कूल-कॉलेजों के पास मादक पदार्थ बेचने वाले और नियमित रूप से घूमने वालों को चिन्हित भी किया जा सकेगा। इसी तरह अश्लील साहित्य बांटने वाले, बस स्टाप में लाइन में लगी महिलाओं को धक्का देने वालों की पहचान आसानी से हो सकेगी। एआई के द्वारा यौन शोषण के आरोपियों के जेल से पेरोल, जमानत आदि पर छूटने पर अलर्ट जारी होगा। नेशनल डाटाबेस में ऐसे व्यक्तियों का चेहरा भी दर्ज किया जाएगा।
सेफ सिटी परियोजना के तहत समस्त सरकारी और निजी सीसीटीवी को जोड़ा जाना है। इस प्रक्रिया के बाद इसे 112 यूपी से एंटीग्रेट कर महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने की तैयारी है। आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस को पइसका महत्वपूर्ण अंग बनाया गया है। इसकी मदद से महिलाओं की सुरक्षा के खास इंतजाम होंगे। महिलाओं की चेन, पर्स, गहने लूटने वालों की गाड़ियों की नंबर प्लेट को इसकी मदद से चिन्हित कर लिया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया गया इंटेलिजेंस है।
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