Tourist Place In Varanasi: वाराणसी को देश की आध्यात्मिक राजधानी के तौप पर देखा जाता है। इसे शिव की नगरी के तौर पर भी जाना जाता है। वाराणसी या काशी एक ऐसा स्थान है जहां न सिर्फ देस बल्कि विश्व के कोने-कोने से लोग आते हैं। वाराणसी का नाम सुनते ही व्यक्ति गंगा के किनारे से खुद को रिलेट कर पाता है, दरअसल काशी के गंगा घाटों की चर्चा हर जगह है। यही कारण है कि देश के तमाम हिस्से ले लोग यहां आते है। इस शहर के बारे में तमाम मान्यताएं हैं को दूसरी ओर इसकी खूबसूरती लोगों के दिलों को जीत लेती है।
आज इस ऑर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि वो कौन से स्थान है जहां पर आप घूम सकते हैं साथ ही एक अच्छी याद को अपने मन में सजा पाएंगे। दरअसल वाराणसी को काशी और बनारस के तौर पर भी जाना जाता है। कहा जाता है कि देश का एक ऐसा शहर है जिसे तीनों नामों से देश विदेश तक के लोग जानते हैं। आपको बता दें कि वाराणसी में प्रतिवर्ष देश के विभिन्न कोनों से और विदेशों से लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। वाराणसी के बारे में कहा जाता है कि लोग यहां नही जीते है बल्कि बनारस लोगों में जीता है. अगर आप भी वाराणसी आने का मन बना रहें है तो इन जगहों पर जरुर आएं।
वाराणसी की सबसे मसहूर जगह गंगा का किनारा है। गंगा के किनारे पर बसा ये शहर लोगों को अपने ओर आकर्षित करता है तो वहीं यहां घाटों पर बैठना लोगों को अलग सुख देता है। वाराणसी में गंगा के किनारे कुल 84 घाट है अब इसमें एक और घाट को जोड़ दिया गया है। जिसे कि नमों घाट के नाम से जाना जाता है। वारणसी आने के बाद अगर आप घाटों के किनारे नहीं बैठते है तो इसे काशी का अधूरा ट्रिप माना जाएगा। घाटों के किनारे बैठकर चाय का लुफ्त जरुर उठाना चाहिए।
वाराणसी का केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर को माना जाता है। ऐसे में काशी आने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन जरुर करें। इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है साथ ही माना जाता है कि यहां पर दर्शन करने से मुरादे पूरी होती है। काशी विश्वनाथ मंदिर देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
तुलसी घाट से गंगा नदी के पार स्थित, यह उस समय बनारस के राजा बलवंत सिंह के आदेश पर 1750 ईस्वी में बलुआ पत्थर से बनाया गया था। इसमें वेद व्यास मंदिर, राजा का निवास स्थान और क्षेत्रीय इतिहास को समर्पित एक संग्रहालय है। इसे देखने देश के तमाम हिस्सों से लोग आते हैं। वहीं कई फिल्मों की यहां पर शूटिंग भी की गई है।
संकट मोचन हनुमान मंदिर अस्सी नदी के किनारे स्थित है और 1900 के दशक में स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा बनाया गया था। यह भगवान राम और हनुमान को समर्पित है। देश के तमाम हिस्सों से लोग यहां आते है और दर्शन पूजन करते हैं। मंगलवार और शनिवार को यहां पर काफी भीड़ होती है। यदि आप वाराणसी आने का मन बना रहें है तो यहां पर आपको जरुर जाना चाहिए।
वाराणसी में इन जगहों को प्रमुख माना जाता है। इसी के साथ आध्यात्म इतिहास से संबंधित तमाम जगहें यहां पर हैं जहां आपको जाना चाहिए। कहा जाता है कि जो भी एक बार वाराणसी जाता है वो वहीं का हो कर रह जाता है।
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