India News(इंडिया न्यूज़),Unnao News: मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर फतेहपुर 84 थानाक्षेत्र के दोस्तपुर शिवली गांव में 302 जैसे गम्भीर मामले में 15 साल सजा काटने के बाद एक युवक ने अपना नया जीवन षुरू किया है। करीब 15 साल फतेहगढ़ जेल में रहकर उसने बढ़ईगिरी का कार्य सीखा और जेल से रिहाई के बाद उसने आजीविका के लिए काम शुरू कर दिया। उसके बूढ़े पिता भी इस सुधार को देख कर आज खुशी का अनुभव कर रहे हैं क्योंकि आज वह उनकी बुढापे का सहारा बनकर वापस आया है।
उन्नाव जिले के फतेहपुर 84 थानाक्षेत्र अन्तर्गत दोस्तपुर शिवली में वर्ष 2003 में एक भीषण अग्निकांड हुआ था। जिसमें जानवरों की मौत होने के साथ साथ कई लोग घायल भी हुए थे। जिसमें एक पक्ष द्वारा श्रवण कुमार पर हत्या करने का आरोप लगा प्रार्थनापत्र देकर दिया था। जिसके बाद पुलिस नें नामजद अभियुक्तों को जेल भेज दिया था। जहां सुनवाई के दौरान 2005में जमानत दे दी थी। जमानत के बाद कुछ दिनों तक अपने घर पर रहे लेकिन फिर 2008 में फतेहगढ़ जेल जाना पड़ा। इसके पश्चात लखनऊ हाईकोर्ट से बेल के लिए अर्जी दी गयी। जिसको स्वीकार करते हुए मार्च 2023 में जमानत देकर पैरोल पर छोड़ दिया।
इस दौरान श्रवण कुमार को जेल में बढई का काम सिखाया गया। जिसके लिए उसे सरकार नें ट्रेनिंग देने के साथ कुछ सालों तक 40 रुपये, उसके बाद 20 रुपये दिन के मिलते थे। श्रवण हाल ही में करीब दो माह पहले फतेहगढ़ जेल से छूटकर आये हैं। श्रवण कुमार नें बताया कि जब हम जेल गये थे तब हमारे पास टूटा-फूटा कच्चा मकान था लेकिन मिट्टी का बना होने के कारण गिर गया। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण हाल ही में जमानत पर छूटे श्रवण ने अपनी कुछ पैतृक जमीन बेचकर घर बनवा रहा है। जिसमें तिरपाल डालकर कार्पेंटर का कार्य कर रहा है।
मीडिया से खास बातचीत में श्रवण नें बताया कि जेल में कारपेंटर का कार्य सीखने के बाद गांव में करके 200-300 रुपये बन जाते हैं लेकिन इतने रुपयों से घर का साग-सब्जी का ही खर्च चल पाता है। सरकार यदि आर्थिक मदद के तौर पर कुछ पैसा मुहैया करा दे जिससे हम अपने कार्पेंटर के कार्य में लगाकर बढ़ई गिरी की दुकान खोल सकूं। जिससे मेरे परिवार का अच्छी तरह भरण पोषण हो सकता है।
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