(Health Department of God Bharose Gonda): UP NEWS: देश के अलग अलग जिलों से इलाज कराने के लिए अगर कोई मरीज सरकारी अस्पताल आता है। तो उसे इलाज नहीं मिल सकता।
ऐसे में गोंडा का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से भगवान भरोसे ही चल रहा है। गोण्डा जिले मे एक भी फिजिशियन, हृदय रोग, आंख के डॉक्टर, रेडियोलॉजिस्टिक्स की तैनाती पिछले कई महीनों से नहीं हो पाई है। आलम ये है कि 4 बजे के बाद जिले का सबसे बड़ा अस्पताल महिला अस्पताल के ओटी मे ताले लग जाते है। दोपहर 01:00 बजे के बाद अल्ट्रासाउंड कक्ष भी बंद हो जाते हैं।
स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही की तस्वीरे उत्तर प्रदेश के गोंडा से निकल कर आ रहीं है। जहां सरकारी स्वास्थ्य विभाग व महकमा का कार्य पिछले कुछ महीनों से राम भरोसे चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग में जिस तरीके से डॉक्टर ना होने की वजह से हर दिन सैकड़ों मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में जिले के जिम्मेदार हुक्मरान कान मे तेल डालकर सो रहे हैं। शाम 4:00 बजे के बाद महिला अस्पताल के ओटी से लेकर जिला अस्पताल के ओटी में 4:00 बजे के बाद ताले लटक जाते हैं। अगर कोई इमरजेंसी के मामले आते हो तो उसे इलाज नहीं मिल सकता जिज़के बाद निराशा के साथ सरकारी स्वास्थ्य विभाग से मायूस होकर उसे वापस जाना होता है।
ऐसे में मरीज या तो निजी अस्पताल का सहारा ले रहे है या तो पड़ोसी जिला बहराइच बलरामपुर या अयोध्या जाने को मजबूर है। ऐसे मे वो गरीब परिवार जिसका सहारा सरकारी अस्पताल हो अगर उसे इलाज नहीं मिले तो वो कहा जाए इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।
आलम यह है कि जिले में हृदय विशेषक का एक भी डॉक्टर की तैनाती नहीं है। जिले में एक भी फिजिशियन डॉक्टरों की तैनाती पिछले कुछ महीनों से नहीं हो पाई है। ऐसे में पड़ोसी देश नेपाल से लेकर जिले के अलग-अलग जगहों से इलाज कराने के लिए सरकारी स्वास्थ्य विभाग आते हैं। और निराशा के साथ वापस लौटने को मजबूर हैं।
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार आला अधिकारियों से सवाल पूछे गए तो उनका साफ कहना है कि पिछले कई महीनों से जिला अधिकारी के माध्यम से शासन को पत्र भेजा जा रहा है। और जल्द ही डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी ऐसे मे सवाल खड़ा होता है।
कि पिछले कई महीनों से सरकारी स्वास्थ्य विभाग राम भरोसे चल रहा है। मरीज इलाज के लिए तड़प रहे है। कहीं ना कहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारियों पर कई सवाल खड़े होते है।
वहीं हैरानी व बड़े ताजुब की बात तब सामने आई। जब पिछले दिनो केंद्र सरकार के बजट के फायदे गिनाने व दोहराने आए, गोण्डा सांसद कीर्तवर्धन सिंह से एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया के सवाल पर उन्हें जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव व स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के अकाल के बारे में कोई जानकारी व समझ तक नही नजर आई।