Uttarakhand Board: (you will get another chance to improve your marks) सरकार की ओर से ये कदम इसलिए उठाया गया हैं ताकि उत्तराखंड (Uttarakhand) छात्रों का साल खराब न हो सके। शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि यूपी में फेल छात्रों के लिए परीक्षा की व्यवस्था थी, पर उत्तराखंड में ऐसी व्यवस्था बंद हो गयी थी।
हर साल लगभग 2 लाख छात्र बोर्ड परीक्षा पास करते हैं। उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में हर साल लगभग ढ़ाई लाख छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं। इसमें से लगभग 50 हजार छात्र फेल हो जाते हैं। अधिकतर छात्र 1-2 विषयों में फेल होते हैं। एक बार परीक्षा में फेल होने के बाद छात्र-छात्राओं को उसी साल फिर से परीक्षा का मौका नहीं मिलता, लेकिन अब राज्य सरकार इन छात्रों को पास होने का मौका देना चाहती है। ताकि बच्चो का एक और साल ख़राब न हो।
शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्याें की तुलना में अलग हैं। इस वक्त प्रदेश में ऐसे भी छात्र-छात्राएं हैं जो खेतों में काम करने के बाद परीक्षा देने पहुंचते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य खराब होने की वजह से भी कुछ बच्चे ठीक ढंग से परीक्षा नहीं दे पाते।
सरकार की ओर से ये कदम इसलिए उठाया गया हैं ताकि छात्रों का साल खराब न हो सके। शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि यूपी में फेल छात्रों के लिए परीक्षा की व्यवस्था थी, पर उत्तराखंड में ऐसी व्यवस्था बंद हो गयी थी। लेकिन अब छात्रों को मौका दिया जाएगा।