(Will teach a lesson to PM Modi in 2024 Lok Sabha elections): उत्तराखंड (Uttarakhand) के लोहाघाट (Lohaghat) में अखिल भारतीय असम राइफल्स (All India Assam Rifles) पूर्व सैनिक कल्याण संगठन के महासचिव तुलसी नायर (Tulsi Nair) ने असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों के साथ बैठक की।
उत्तराखंड के लोहाघाट में असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों के साथ अखिल भारतीय असम राइफल्स पूर्व सैनिक कल्याण संगठन के महासचिव तुलसी नायर ने बैठक की।
इस बैठक में असम राइफल्स पूर्व सैनिक संगठन के पूर्व जिला अध्यक्ष गंगादत्त चौबे ने अध्यक्षता की। इस बैठक का संचालन राजेश चौबे की अगुवाई में हुआ।
बैठक में पूर्व सैनिकों ने नायर के सामने अपनी समस्याओं को रखा। असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने एक स्वर में असम राइफल्स को ड्यूल कंट्रोल से हटाने व इंडियन आर्मी की तरह सुविधाएं देने की मांग की है। इसके साथ ही असम राइफल्स को इंडियन आर्मी के कंट्रोल में रखने की मांग की गई।
वही, महासचिव नायर ने कहा असम राइफल्स 188 साल पुरानी फोर्स है जो इंडियन आर्मी की तरह कार्य करती है। असम राइफल्स के जवानों ने देश के लिए अपनी शहादत दी है।
इसके बावजूद भी सरकार असम राइफल्स के जवानों को इंडियन आर्मी की तरह सुविधाएं नहीं देती है। बता दे 187 साल पुरानी असम राइफल्स में पहली बार महिलाओं को 2015 में शामिल किया गया था।
इस बैठक के दौरान नायर ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर केंद्र सरकार जल्द असम राइफल्स से ड्यूल कंट्रोल हटाकर इंडियन आर्मी के कंट्रोल में नहीं लाती है और इंडियन आर्मी की तरह असम राइफल्स के जवानों को सुविधा नहीं देती है।
तो 2024 लोकसभा चुनाव में सभी असम राइफल्स के जवान पूर्व सैनिक, वीर नारियां व उनके परिजन जिनकी संख्या लगभग एक करोड़ है। सभी मिलकर मोदी सरकार को सबक सिखाएंगे।”
नायर ने आगे कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में “वोट पर करेंगे चोट” नायर ने कहा इस अभियान के लिए संगठन अभी से जुट गया है। असम राइफल्स के जवानों की मेहनत वह बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।
वे सैनिक हैं और अपना हक लड़ कर लेंगे। इस मौके पर संगठन के जिला अध्यक्ष प्रेम चौबे ,विक्रम सिंह ,नवीन पाटनी ,दीप सिंह, शंकर दत्त, नारायण सिंह, सुरेंद्र सिंह बाजवा त्रिलोक सिंह सहित असम राइफल्स के कई पूर्व सैनिक भी मौजूद रहे।
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