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Uttarakhand News: जोशीमठ से 82 किमी दूर कर्णप्रयाग की इमारतों में भी दिखी दरारें, 38 परिवार हुए प्रभावित

• LAST UPDATED : February 6, 2023

Uttarakhand News: (Cracks were also seen in the buildings of Karnprayag, 82 km from Joshimath.): कर्णप्रयाग की इमारतों में दरारें दिखाई दीं और भूमि धंसने के कारण वे क्षतिग्रस्त हो गईं।

चमोली जिले के जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद अब 82 किमी दूर इसी जिले के कर्णप्रयाग में भी सड़कों और घरों की दीवारों पर दरारें देखी गई हैं। ताजा मिली जानकरी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से कर्णप्रयाग में बहुगुणा कॉलोनी के दो दर्जन से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं, जो करीब एक दशक पहले दिखाई देना शुरू हुई थीं। दीवारों का फटना और दरारें इतनी बढ़ गई हैं कि कई मकान रहने लायक नहीं बचे हैं। घर के लोग उन्हें छोड़कर जाने के लिए मजबूर हैं। जो लोग खुद से कोई वैकल्पिक आवास नहीं खोज सके हैं, वे नगर परिषद के आश्रय स्थलों में रातें गुजार रहे हैं।

 

जिला मजिस्ट्रेट ने दी जानकारी

चमोली के जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना ने बताया कि वे स्थिति से अवगत हैं और नगर पालिका परिसर में प्रभावित परिवारों के रहने के लिए पहले से ही अस्थायी व्यवस्था कर चुके हैं। आगे कहा, ‘कुछ महीने पहले हमने आईआईटी रुड़की से क्षेत्र का अध्ययन करने, नुकसान का मूल्यांकन का पता लगाने का अनुरोध किया था कि इसके पीछे क्या कारण है और इस मुद्दे का हल कैसे किया जाए, इस पर एक परियोजना रिपोर्ट मांगी थी।

मंडी समिति को ठहराया जिम्मेदार

​उन्होंने कहा कि मंडी समिति ने अपने परिसर के निर्माण के दौरान जेसीबी की मदद से यहां खनन किया और उसे बिना ठीक किए छोड़ दिया।
पिंडर और अलकनंदा के तट पर बसे कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में नीचे कुछ दूरी पर पिंडर नदी बहती है और बारिश के समय यह तट की मिट्टी काटकर ले जाती है, जिसकी वजह से बस्ती के जमीन धंसने लगे है।

तहसीलदार सुरेंद्र देव ने कहा

बता दे, आज फिर कर्णप्रयाग की इमारतों में दरारें दिखाई दीं और भूमि धंसने के कारण वे क्षतिग्रस्त हो गईं। कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव का कहना है कि कर्णप्रयाग के बहुगुणानगर में घरों में दरारें आने से 38 परिवार प्रभावित हुए हैं। प्रभावित लोग नगर परिषद के आश्रय स्थलों में रातें गुजरने के लिए मजबूर है। आगे कहना है कि मकान खाली करने के बाद सभी प्रभावित परिवारों को नगर पालिका के रैन बसेरों और आईटीआई कॉलेज की कक्षाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है। इनमें से आठ परिवारों को जनवरी में शिफ्ट किया गया था।

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