इंडिया न्यूज: (The rain of relief became a rain of disaster for the farmers)काशीपुर में बारिश का कहर एक बार फिर किसानों पर आफत बनकर टूट रहा है। बारिश का पानी भरने से किसानों को गेहूं और सरसों की फसल के गलने का खतरा बना हुआ है। जिसके चलते किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
खबर में खास:-
- काशीपुर में पानी भरने से किसानों को गेहूं और सरसों की फसल के गलने का खतरा बना
- जिसके बाद किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है ।
- 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर मुआवजे का प्रावधान
बारिश का कहर एक बार फिर किसानों पर आफत
जिला उधम सिंह नगर में बारिश का कहर एक बार फिर किसानों पर आफत बनकर टूट रहा है इस बार किसानों की खड़ी हुई गेहूं और सरसों की फसल आफत की बारिश की भेंट चढ़ गई है। बता दें, प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से एक ओर जहां आम जनता को गर्मी से राहत मिली है, तो वहीं, ये बारिश किसानों के लिए आफत बनकर खड़ी हुई है।
बारिश ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेरा
किसानों को जंहा इस फसल से मुनाफे की उम्मीद थी, वंही इस बारिश ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बीते रोज हुई बारिश ने किसानों को बेहद परेशान कर दिया है। गेंहू ओर सरसो की फसल तैयार है। लेकिन बारिश की वजह से गेहू की फसल को भारी नुकसान हुआ है जिसको लेकर किसान बेहद परेशान है। और भुखमरी की कगार पर है खड़ी फसल गिरने से और उसमे बारिश का पानी भरने से किसानों को गेहूं और सरसों की फसल के गलने का खतरा बना हुआ है। जिसके बाद किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है ।
ओला वृष्टि से गेंहू की फसल प्रभाभित- जिलाधिकारी
वहीं, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर युगल किशोर पंत ने बताया कि पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है और कंही- कंही ओला वृष्टि भी हुई है। जिससे गेंहू की फसल प्रभाभित हुई है। जो निचले खेत है उनमें ज्यादा नुकसान हुआ है। राजस्व विभाग की टीमें उद्यान विभाग की टीमें पूरे क्षेत्रो गांव गांव जा रही है ओर नुकसान का आकलन कर रही है। और अगर 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है तो आपदा राहत अधिनियम के तहत मुआवजे का प्रावधान है। इसके साथ ही प्रयास किया जाएगा कि जितने भी काश्तकार इससे प्रभाभित हुए है, उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा मिले।