Tuesday, July 16, 2024
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Kaushambi: कोर्ट के आदेश के बाबजूद नही कराया गया गर्भपात, पिता बोले साहब बिन ब्याही बेटी का गर्भ क्या करूं

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Kaushambi

इंडिया न्यूज यूपी/यूके, कौशांबी: यूपी के कौशाम्बी में महिलाओं के साथ अपराध रुकने का नाम नही ले रहा है। इसी अपराध ने चलते गरीब लाचार और बेबस पिता एक अंतहीन दर्द से गुजर रहा है। दरअसल पीड़ित पिता की 13 वर्षीय बेटी से गांव के अधेड़ ने रेप किया। बेटी वारदात के बारे में किसी को बता न दे इसके लिए उनसे डरा धमकाए रखा। लेकिन किशोरी के पेट में गर्भ आने से घटना खुल गई। रिपोर्ट दर्ज हुई आरोपी जेल भेज दिया गया।

कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टर्स ने भेजी रिपोर्ट
बावजूद इसके पीड़ित व उसके परिवार की मुश्किल कम होने के बजाय बढ़ गई। बेटी के पेट का गर्भ उसकी जान का दुश्मन बन गया। पिछले एक माह से पीड़ित किशोरी जिला अस्पताल में भर्ती है। हालत यह है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी डॉक्टर्स ने रिपोर्ट भेज कर कोर्ट को बताया है कि पीड़ित का गर्भ हटाने पर बच्चे और माँ की जान को खतरा है।

युवती से पांच महीने पहले हुआ था रेप
चरवा थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले एक व्यक्ति की 13 वर्षीय किशोरी से गांव के ही एक युवक ने पांच माह पहले रेप की घटना को अंजाम दिया। दुष्कर्म का राज किसी के सामने खुल न जाय इसके लिए आरोपी शिव मूरत ने पीड़िता को उसके पिता की हत्या का डर दिखा कर उसे चुप रहने पर मजबूर किया। लेकिन दुष्कर्म राज पीड़िता के गर्भ ठहरने पर सबके सामने आ गया। पीड़ित परिवार ने डाक्टरी रिपोर्ट जैसे पुख्ता दस्तावेज थाना पुलिस को देकर केस दर्ज करने की मांग की।

आरोपी को पुलिस भेज चुकी है जेल
पीड़ित पिता के मुताबिक चरवा के तत्कालीन इंचार्ज ने उन्हें और उनकी बेटी को बुरा-भला कह कर थाने से भगा दिया। बाद में एसपी के निर्देश पर अगस्त माह में केस दर्ज कर शिव मूरत को पुलिस ने जेल भेज दिया। पीड़ित पिता ने बताया, उनकी बेटी के गर्भ के चलते उसकी शरीर में बदलाव होने लगे। जिससे उनकी तबियत लगातार खराब रहने लगी। अस्पताल में दिखाया तो डाक्टरों से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया।

कोर्ट ने दिया था गर्भ हटाने का आदेश
बेटी की जान बचाने को उसने अदालत में गुहार लगा कर गर्भपात कराये जाने की मांग की। अदालत ने 15 अक्टूबर को आदेश देकर सीएमओ / सीएमएस को मेडिकल बोर्ड गठित कर गर्भ हटाने का आदेश दिया। लेकिन डाक्टरों ने बेटी का गर्भ नहीं हटाया।

सीएमओ डॉ सुष्पेंद्र ने बताया कि अदालत से किशोरी के सम्बन्ध में आदेश मिले थे। जिस पर कार्रवाई के लिए डॉक्टर की टीम बनाकर जांच कराई गई। डॉक्टर रिपोर्ट के मुताबिक किशोरी की हालत और गर्भ की अवस्था की हालत को देख कर उसे हटाने के लिए हायर चिकित्सा सेंटर की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में कोर्ट को विस्तृत जाँच रिपोर्ट भेजी गई है। कोर्ट के आदेश मिलते ही आगे की कार्यवाही किया जाएगा।

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