India News (इंडिया न्यूज़), UP News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है और उनकी भूमिका काफी उल्लेखनीय है। यही वजह है कि समाज में शिक्षकों को विशिष्ट स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का एक पक्ष हर क्षेत्र में वर्तमान पीढ़ी के निर्माण और विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन कर राष्ट्र निर्माता बनाने का है तो दूसरा पक्ष भी है। ट्रेड यूनियन की तरह जो शिक्षक, शिक्षण कार्य से विरत होकर अधिकारियों के ही चक्कर काटते रहते हैं। उससे भावी पीढ़ी का भविष्य बर्बाद होता है। ट्रेड यूनियन की पद्धति ने काफी नुकसान किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षकों को समाज भी संदेह की निगाह से देखता है। उनका तिरस्कार करता है। हमें इन दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर काम करना होगा। सीएम ने कहा कि दो साल पहले मैंने शिक्षक सम्मान समारोह स्थगित कर दिया था क्योंकि जब सूची सामने आई तो उसमें ऐसे शिक्षकों के नाम थे जो दिन भर भ्रमण करते दिखते थे। वह कभी पढ़ाते नहीं थे। वह सिर्फ नींव को खोखला करने का काम कर रहे थे। आज उन शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है, जिन्होंने पठन-पाठन के क्षेत्र में कुछ नया किया है। उन्हें सम्मानित करके मुझे भी खुशी मिल रही है। सीएम ने कहा कि शिक्षकों के ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी राष्ट्र निर्माण की है। आप भी समय के अनुरूप खुद को तैयार करें। यह दौर तकनीकी का है।
सीएम योगी आदित्यनाथ शिक्षक दिवस के मौके पर लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। वह राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित 94 शिक्षकों को सम्मानित करने और शिक्षकों के लिए 2.09 लाख टैबलेट वितरण का शुभारंभ करने के बाद संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने 18,381 स्मार्ट क्लास व 880 आईसीटी लैब का भी उद्धाटन किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के ही एक स्कूल का उदाहरण देते हुए कहा कि उस स्कूल में विद्यालय भवन में बड़ा पेड़ उगा था। वह तीन बार वहां गए और मुख्य सचिव को भी साथ ले गए। उनके निर्देश के बाद वह पेड़ हटा। बोले, क्या स्कूल का पेड़ हटाने के लिए सीएम और मुख्य सचिव को आना पड़ेगा। शिक्षक खुद इसके लिए संवेदनशील हों। उन्होंने आह्वान किया कि बच्चे 15 मिनट पहले और प्रधानाचार्य 30 मिनट पहले स्कूल पहुंचे, ताकि अन्य व्यवस्था बेहतर कर सकें।
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