India News (इंडिया न्यूज़), Sushil Kumar, One Nation One Election: एक देश एक चुनाव, इसको लेकर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कमेटी गठित कर दी है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्टपति राम नाथ कोविंद कर रहे है, अब ऐसे में एक देश एक चुनाव को लेकर देश प्रदेश की जनता का क्या कहना है, इसको लेकर अलग अलग जिलो में चौपाल के जरिये इंडिया न्यूज़ के संवाददाता ने इसकी जानकारी ली, और लोगो से बात की, इसको लेकर गोरखपुर के हमारे इंडिया न्यूज़ संवाददाता सुशील कुमार ने चौपाल के जरिये लोगो से बात की और ये जानने की कोशिस की ये एक देश एक चुनाव को लेकर वो क्या सोचते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विचार का समर्थन कर इसे आगे बढ़ाया है। वैसे इस मुद्दे पर चुनाव आयोग, नीति आयोग, विधि आयोग और संविधान समीक्षा आयोग विचार कर चुके हैं। ‘एक देश-एक चुनाव’ लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं का चुनाव एक साथ करवाने का एक वैचारिक उपक्रम है। देश में इनके अलावा पंचायत और नगरपालिकाओं के चुनाव भी होते हैं, लेकिन ‘एक देश-एक चुनाव’ की प्रक्रिया में इन्हें शामिल नहीं किया जाता।
एक देश एक चुनाव के पक्ष में कहा जाता है कि यह विकासोन्मुखी विचार है। जाहिर है लगातार चुनावों के कारण देश में बार – बार आदर्श आचार संहिता लागू करनी पड़ती है। इसकी वजह से सरकार आवश्यक नीतिगत निर्णय नहीं ले पाती और विभिन्न योजनाओं को लागू करने समस्या आती है। इसके कारण विकास कार्य प्रभावित होते हैं।
एक देश चुनाव के पक्ष में दूसरा तर्क यह है कि इससे बार-बार चुनावों में होने वाले भारी खर्च में कमी आएगी। बार-बार चुनाव होते रहने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। चुनाव पर होने वाले खर्च में लगातार हो रही वृद्धि इस बात का सबुत है। कि यह देश की आर्थिक सेहत के लिये ठीक नही है।