India News (इंडिया न्यूज़), UCC Uttarakhand : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। ड्राप्टिंग कमेटी ने UCC के ड्राप्ट को उन्हें सौंप दिया है। कल इसे कैबिनेट में हरी झंडी भी मिल जाएगी। बता दें कि जनसंघ के जमाने से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लाना बीजेपी का सपना रहा है।
दशकों से देश में UCC पर चर्चा होता आई है। लेकिन इसे अमल में भी तक नहीं लाया जा सका। हालांकि, सीएम धामी ने जो 23 महीने पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का जो संकल्प लिया था। वो संकल्प सिद्वि को प्राप्त होने वाला है।
जिसको लेकर पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यह एक शुभ दिन है और यह शुभ दिन तब आया जब भगवान सूर्य उत्तरायण में आये। यह शुभ कार्य की शुरुआत है। समान नागरिक संहिता में विवाह, तलाक, भरण-पोषण, संपत्ति अधिकार, गोद लेना और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्र शामिल हैं। कोई भी व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय का हो, यूसीसी उन सभी के लिए एक ही कानून है।
हालांकि, समाज के एक बड़े वर्ग के बीच इस मसौदे को लेकर शंकाएं हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये शंकाएं निराधार हैं. 2015 में यूसीसी लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
1. विवाह पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा, जिसकी सुविधा ग्राम सभा स्तर पर भी दी जाएगी।
2. जाति, धर्म या संप्रदाय कोई भी हो, तलाक पर एक समान कानून होगा।
3. बहुविवाह पर रोक लगेगी।
4. सभी धर्मों के बच्चों को गोद लेने का अधिकार होगा, लेकिन दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
5. हलाला और इद्दत प्रथा बंद होगी।
6. लड़कियों को विरासत में लड़कों के बराबर हिस्सा मिलेगा।
7. लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर कराना होगा, जिसमें आधार कार्ड अनिवार्य होगा और 18 से 21 साल के बीच के जोड़ों को माता-पिता से सहमति पत्र देना होगा।
8. समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट में अनुसूचित जनजाति, ट्रांसजेंडर, धार्मिक मामले, पूजा पद्धति, परंपराओं से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।
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