India News (इंडिया न्यूज़), Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को आज 19 दिन हो चुके हैं। 12 नवम्बर यानी दिवाली के दिन 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। जिसके बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। सभी मजदूरों को यहीं आस है कि अब उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकाला जाएगा। हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन में कई दिक्कतें आ रही हैं। मजदूरों को निकालने में हो रही देरी को देखते हुए टनल के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों ने अंदर फस सभी मजदूरों के लिए स्मार्ट फोन भी भेजा गया हैं। इन भेजे गए फोन के जरिए अंदर फंसे मजदूर लूडो और सांप सीढ़ी खेल कर अपना तनाव कम करेंगे। वहीं अब इस पर एक नया अपडेट आया है। अभी तक की लाईव अप्डेट के मुताबिक मशीन की तकनीकी खराबी के कारण अभी रेसक्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है।
सूत्रों की मानें तो एसजेवीएन ने सुरंग के शीर्ष पर लंबवत ड्रिलिंग कार्य शुरू किया गया। वहीं दूसरे विकल्प के तौर पर सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया। कल रविवार (26 नवंबर) को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो गई है। खबर ये है अब तक 19.2 मीटर ड्रिलिंग का काम हो चुका है। अधिकारियों ने खबर एजेंसी को बताया कि ”हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के एक दिन बाद श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी है।”
खबर है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग होगी। इस काम में चार दिन का समय लगेगा।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | SJVN begins vertical drilling work on the top of the tunnel. As a second option, vertical drilling work was started from the hill above the tunnel: SJVN pic.twitter.com/szv5xxxQSn
— ANI (@ANI) November 26, 2023
प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी टनकपुर निवासी श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे। पुष्कर सिंह ऐरी सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं।
टनल में फंसे मजदूरों का ध्यान तनाव से हटाने के लिए ये फैसला लिया गया है, जिससे अंदर फंसे सभी मजदूर गेम खेलें और मुसीबत के समय एक-दूसरे का हौसला बढ़ाएं। स्मार्टफोन की मदद से उन्हें टनल में समय बिताने में दिक्कत नहीं होगी। टनल में फंसे सभी मजदूरों तक जो फोन भेजे गए है उनमें सांप सीढ़ी, लूडो और दूसरे अन्य खेल पहले से ही डाउनलोड करके भेजे गए है।
मजदूरों के परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अंदर फंसे कुछ लोग बहुत ज्यादा चिंता में हैं। उन्होंने खाना-पीना तक छोड दिया है। काफी दिन होने के बाद भी बाहर ना निकल पाने के कारण अब उन्हें घबराहट हो रही है। इसी लिए रेस्क्यू टीम ने मजदूरों के लिए फोन फेजा है। शायद वे स्मार्ट फोन पहुंचने के बाद अब उनका माइंड डायवर्ट हो और वे अंदर ठीक से रह पाए। वर्टिकल तरीके से ड्रिल का काम शुरू हो गया। ऐसे में ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी देरी लग सकती है।
बचावकर्मियों ने चारधाम रोड पर बनी सुरंग के बारकोट छोर पर भी दो विस्फोटक उपकरण विस्फोट किए और अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए एक और सुरंग खोदना शुरू कर दिया। 12 नवंबर को उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिल्क याला सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे मलबे के दूसरी तरफ मजदूर फंस गए।
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