India News (इंडिया न्यूज़), Mathura News: एक तरफ काशी ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर सियासत जारी है, दूसरी तरफ कान्हा की नगरी से हिंदू मुस्लिम भाईचारे की तस्वीर सामने आई हैं। इन तस्वीरों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि भारत कहीं जाति धर्म मजहब में बंटा हुआ है। भाईचारे की मिशाल की इन तस्वीरों को देख ऐसा लगता है कि सियासत दान राजनीति के चलते सिर्फ लोगों को धर्म मजहब में बांटते है। हालांकि कुछ लोग इसे योगी जादू भी बता रहे हैं।
तस्वीरें कान्हा की नगरी मथुरा से हैं, तस्वीरों को देख कर आपको सहज ही विश्वास नहीं होगा, चूंकि तस्वीरों में टोपी लगाए दिखाई दे रहे यह मुस्लिम भाई हैं। जो अपने हिंदू भाइयों पर पुष्प वर्षा करने के साथ साथ उनको भोजन प्रसाद बांट रहे है ।
भगवान कृष्ण ने चारो धामों को ब्रज में बुला लिया
दरअसल, आजकल ब्रज में अधिकमास की धूम चल रही है। देश के कोने कोने से भक्ति भाव और आस्था के साथ आए लोग ब्रज 84 कोस परिक्रमा कर रहे हैं । परिक्रमा करने वाले लोग अपने साथ सिर्फ अपने कपड़े लाते हैं और ब्रज के रहने और समाजसेवा करने वाले लोग ही जगह जगह भंडारे, रेन बसेरा , स्नानघर आदि उपलब्ध कराते हैं। कृष्ण भक्ति में सराबोर परिक्रमार्थी मोक्ष की कामना लिए 84 कोस यानी 252 किमी की परिक्रमा कर घर वापस जाते है ।
धर्मग्रंथों में मान्यता है की एक बार भगवान कृष्ण से उनके माता पिता ने चार धाम यात्रा करने की इच्छा जाहिर की थीं। माता पिता की इच्छा पर भगवान कृष्ण ने चारो धामों से आह्वान करते हुए ब्रज में बुला लिया था। तभी से यह परिक्रम लगती है और इस परिक्रमा को जो भी व्यक्ति जिस मनोकामना के साथ लगा लेता है उसकी वह मनोकामना पूरी होती है ।
हमेशा भगवान के शुक्रिया अदा करते हैं
आप देखने के साथ साथ सुन भी सकते है कि मुस्लिम भाई लोगों का राधे राधे कर अभिवादन कर रहे हैं और बड़े ही प्यार से भंडारे में बने भोजन प्रसादी का वितरण कर रहे हैं । इन मुस्लिम भाइयों का कहना है कि हम लोग भले ही किसी भी कौम से हो लेकिन कन्हैया की नगरी में रहने के बाद हमको लगता है कि हम बहुत भाग्यशाली है कि हमे ब्रज में जन्म मिला। हमारा तो मानना है की जिस किसी को भी ब्रज में जन्म मिला है उस पर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा है । लोग ब्रज में भगवान के दर्शन करने के लिए आते है लेकिन हमारा जन्म तो यही हुआ है । इसके लिए हम हमेशा भगवान के शुक्रिया अदा करते हैं ।