India News (इंडिया न्यूज),Mayawati News: लोकसभा चुनाव होने में महज कुछ ही महीनों का समय बचा हुआ है। केंद्र की सत्ता की चाबी हर बार की तरह उत्तर प्रदेश से होकर जाती है। ऐसे में हर पार्टी एकशन मोड और प्रचार मोड में आने की तैयारी कर रही है। बीजेपी तो चुनावी प्रचार में आ भी चुकी है तो वहीं सपा तैयारी में नज़र आ रही है। दूसरी ओर हर बीते कुछ सालों से चुनाव में हर दांव गलत पड़ने के कारण बसपा यूपी के अलावा अन्य राज्यों पर भी फोकस कर रही है। कोशिश यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले जहां यूपी में पार्टी को मजबूती मिल जाए तो वहीं अन्य राज्यों में भी ग्राफ थोड़ा ऊपर चला जाए। इससे पार्टी को बहुत फायदा होगा। बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार अन्य राज्यों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही हैं। इसी कड़ी में उन्होंने छह राज्यों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है और सख्त लहजे में कहा कि अपने-अपने राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करो और जो पदाधिकारी काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें हटाओ।
6 राज्यों के पदाधिकारियों के साथ की बैठक, दिया ये निर्देश
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा चारों खाने चित हो गई। इसके बाद हुए उपचुनाव, नगर निकाय चुनाव में भी पार्टी बैकफुट पर नज़र आई। विधानसभा 2022 के चुनाव में पार्टी को जहां सिर्फ एक सीट मिली तो वहीं हाल ही में हुए निकाय चुनाव में पिछले साल मिली 2 मेयर सीट भी हार गई। इसीलिए अब बसपा अन्य प्रदेशों पर फोकस कर रही है। पार्टी अध्यक्ष मायावती अब तक लखनऊ में ही छह प्रदेशों के पदाधिकारियों की बैठक ले चुकी हैं। जिनमें दिल्ली, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र व उत्तराखंड के पदाधिकारी शामिल थे। दरअसल मायावती का फोकस इन सभी प्रदेशों के दलित वोटरों पर है। उन्होंने इन सभी प्रदेशों के पदाधिकारियों को भी कहा है कि इस वर्ग पर फोकस करो।
इन राज्यों में दलित वोट बैंक पर निशाना
बसपा चीफ ने साफ कहा है कि इन सभी राज्यों दलित वोट बैंक अच्छा खासा है। यदि इन वर्ग का जरा सा भी ध्यान और भरोसा बसपा की तरफ लाया जाए तो इससे पार्टी को बहुत फायदा होगा। मायावती ने भी कहा कि सरकार भले न बन पाए लेकिन अपनी स्थिति बेहतर हो सकती है। दूसरे दलों के साथ आकर मजबूत स्थिति में खड़ी हो सके। इसी को लेकर आगे भी बैठकों का दौर जारी रखने की बात कही जा रही है।
पुराने लोगों को निकाल यूथ को जोड़ने पर ध्यान
यूपी के साथ ही बसपा इन सभी राज्यों में युवाओं पर फोकस कर रही है। दरअसल बसपा का लक्ष्य पुराने ऐसे कार्यकर्ता जो अब पार्टी को अपना शत-प्रतिशत नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाकर यूथ टीम खड़ी की जाए।