India News (इंडिया न्यूज़), Martand Singh, Lucknow, Opposition Parties Meeting: 23 मार्च को पटना में होने वाली विपक्षी एकता की बैठक पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने तंज कसा है। आज एक के बाद एक तीन ट्वीट के जरिए मायावती ने इस बैठक में शामिल होने वाले दलों पर हमला बोला है। बसपा सुप्रीमो ने अपने ट्वीट में लिखा है कि लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी पार्टियां जिन मुद्दों को उठा रही हैं और ऐसे में नीतीश कुमार 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक ‘दिल मिले न मिले, हाथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है।
मायावती ने आगे लिखा है, वैसे अगले चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखते हुए तैयारियों से पहले ये पार्टियां आम लोगों के बीच भरोसा बनाए, तो बेहतर होता। इन्हें अपने गिरेबान में झांककर नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेना चाहिए। ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ आखिर कब तक चलेगी? मायावती के इस ट्वीट पर कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने कहा कि, मायावती जी बीजेपी की भाषा बोल रही हैं. वो बीजेपी के हाथों की कठपुतली बन चुकी हैं। यही वजह है कि बीएसपी लगातार अपना जनाधार खो रही है।
2024 के सफलता की कुंजी यूपी के पास: मायावती
इंडिया न्यूज़ संवाददाता मार्तंड सिंह के खबर के मुताबिक अपने अगले ट्वीट में बसपा मुखिया ने कहा, महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता नहीं है। यूपी में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है, किन्तु विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहां अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिंतित हैं। बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहां लोकसभा चुनाव की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए नेताओं के साथ की मुलाकात
बताते चले कि नीतीश कुमार की अगुआई में 23 जून को पटना में एनडीए से अलग 17 राजनीतिक दलों की बैठक होने जा रही है। जहां पर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने पर चर्चा होगी। साथ ही इस बैठक में ये भी तय किया जाना है कि भाजपा के विजय रथ को कैसे रोका जाए। पिछले दो माह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं। नीतीश कुमार गत दिनों इसी क्रम में लखनऊ आये थे और अखिलेश यादव से मुलाकात कर उनको बैठक में आने का न्योता दिया था। लेकिन बीएसपी को इस बैठक में नही बुलाया गया।
बैठक में नही जाएंगे आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी
इस बैठक में कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के ही पूर्व सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार के शामिल होने की संभावना है। हालांकि जयंत चौधरी इस बैठक में शामिल नही होंगे, उन्होंने पारिवारिक कार्यक्रम का हवाला दिया है।