India News (इंडिया न्यूज़), Akhilesh Yadav: संसद के सत्र में कई विषयों पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच काफी बहस हुई। इस बीच बीते पिछले दिन लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर जब चर्चा हो रही थी तो बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिस पर काफी हंगामा मच गया। साथ ही बिधूड़ी ने कहा कि पीएम को क्रेडिट देना ही होगा, क्योंकि उन्होंने काम किया है। इस बीच सांसद दानिश की आवाज सुनते ही बिधूड़ी भड़क गए और उन्हें उग्रवादी और आतंकवादी तक कह डाला।
जिसके बाद बसपा सांसद दानिश अली लिखते हैं कि क्या आरसस(RSS) की शाखाओं की और से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रयोगशाला में यही सिखाया जाता है? आपका कैडर जब एक चुने हुए सांसद को भरी संसद में आतंकवादी, उग्रवादी, मुल्ले…जैसे शब्दों से अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता तो वो आम मुसलमानों के साथ क्या करता होगा? यह सोच कर भी रूह काँप जाती है।
क्या #RSS की शाखाओं और @narendramodi जी की प्रयोगशाला में यही सिखाया जाता है? आपका कैडर जब एक चुने हुए सांसद को भरी संसद में आतंकवादी, उग्रवादी, मुल्ले…जैसे शब्दों से अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता तो वो आम मुसलमानों के साथ क्या करता होगा? यह सोच कर भी रूह काँप जाती है। pic.twitter.com/50JLsBILpy
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) September 22, 2023
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के बयान पर लिखा कि…इंसान की पहचान चेहरा नहीं; ज़ुबान होती है। सत्ता के नशे में बेसुध भाजपा के एक सांसद द्वारा विपक्ष के एक अल्पसंख्यक सांसद को अति अभद्र तरीके से संबोधित करना किसी आपराधिक घटना से कम नहीं है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है जिसमें अन्य भाजपाई सांसदों का हँसते हुए सम्मिलित होना दिखाता है कि ये किसी एक भाजपाई की गलती नहीं है बल्कि ये भाजपा के अधिकांश सदस्यों की निर्लज्जता का बेशर्म प्रदर्शन है।
इंसान की पहचान चेहरा नहीं; ज़ुबान होती है।
सत्ता के नशे में बेसुध भाजपा के एक सांसद द्वारा विपक्ष के एक अल्पसंख्यक सांसद को अति अभद्र तरीके से संबोधित करना किसी आपराधिक घटना से कम नहीं है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है जिसमें अन्य भाजपाई सांसदों का हँसते हुए…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 22, 2023
ऐसे सासंदो पर, किसी भी प्रकार की संसदीय विशेषाधिकारों की छूट से परे, किसी एक सांसद नहीं बल्कि पूरे संसद और संविधान की मानहानि करने का मुक़दमा होना चाहिए और ताउम्र की पाबंदी भी।
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