India News(इंडिया न्यूज़),New Parliament Inauguration: जबसे सेन्ट्रल विस्टा यानि नए संसद भवन का कार्य शुरू हुआ तब से सरकार और विपक्ष की राजनीति भी जारी है। 26 मई को प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल के 4 साल पूरे हो रहे हैं और मोदी सरकार के कुल 9 साल पूरे हो रहे हैं। इसी कड़ी में ऐसी खबर है कि पीएम मोदी नई संसद की इमारत का उद्घाटन करने वाले हैं फिर क्या था सियासत भी गरमा गई। दरअसल पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इस पर विपक्ष अब हमलावर है। कांग्रेस ने तो मांग तक रख दी है की है कि इस नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों के वजाय, राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए। कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो यहां तक कह दिया कि लगता है चुनावी लाभ के लिए ही दलित और आदिवासी राष्ट्रपति बनाए गए हैं।
कांग्रेस नए संसद भवन के उद्घाटन की तारीख से भी नाराज दिख रही है। दरअसल 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है और बीजेपी का सावरकर के प्रति प्रेम और लगाव जगजाहिर है। सावरकर बीजेपी के लिए रोल मॉडल से कम नहीं। क्योंकि सावरकर और बीजेपी की विचारधारा हिंदुत्व की विचारधारा है। जबकि कांग्रेस और तमाम विरोधी दल सावरकर पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया कि उद्घाटन के लिए 28 मई की तारीख का चुनाव करना देश के राष्ट्र निर्माताओं और शहीदों का अपमान है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उद्घाटन में राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति को न बुलाकार बार-बार मर्यादा का अपमान करने का आरोप लगाया है। इससे ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन कराए जाने पर ही बड़ा सवाल खड़ दिया। दरअसल उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं।
तो वहीं आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को न बुलाकर बीजेपी ने आदिवासियों और पिछले समुदायों का अपमान किया है। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा आरोप लगोते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? वह कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नहीं। हमारे पास शक्तियों बंटवारा है और माननीय लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति उद्घाटन कर सकते हैं। खबर तो ये भी है कि सभी विपक्षी दल एक संयुक्त बैठक करने वाले हैं, जिसमें इस मुद्दे पर और बातचीत कर सकते हैं।
फिर भला क्या बीजेपी चुप रहने वाली थी। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस को ‘बेकार’ बताते हुए कह दिया कि ‘वीर सावरकर हर भारतीय की शान हैं। जो लोग तारीख पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बता दें कि वे महत्वहीन हैं, वीर सावरकर के चरणों की धूल के लायक भी नहीं हैं।” केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, कांग्रेस की आदत है कि जहां नहीं भी होता है वहां भी विवाद खड़ा कर देती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते हैं तो वहीं प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं और सरकार की ओर से संसद का नेतृत्व करते हैं। राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं जबकि पीएम हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय ने 18 मई को बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। बता दें कि नई संसद की लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि अभी के संसद भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में सिर्फ 250 सदस्यों के बैठने की ही व्यवस्था है।