India News (इंडिया न्यूज़), Women Reservation Bill: केंद्र सरकार के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण कानून से जुड़ा 128वां संविधान संशोधन ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023’ पेश किया। इस पर हर तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी सिलसिले में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कड़ा बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया।
सपा नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर महिला आरक्षण बिल के बारे में पोस्ट किया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पोस्ट में लिखा, ”महिलाओं को 33% आरक्षण देने के फैसले का मैं स्वागत करता हूं, लेकिन महिला आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की घोषणा न करना बेहद निराशाजनक है। ” यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
महिलाओं के लिये 33% आरक्षण दिये जाने के निर्णय का स्वागत करता हूँ किन्तु संसद में महिला आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओ के लिये अलग से आरक्षण की घोषणा न करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। रही बात "नारी शक्ति बंदन अधिनियम" के नाम का पहले ही…
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) September 19, 2023
मौर्य ने पोस्ट में आगे लिखा में लिखा कि रही बात “नारी शक्ति बंदन अधिनियम” के नाम का पहले ही दिन संसद में मज़ाक बना दिया गया, जब नये संसद भवन में आज प्रथम सत्र था तो मा. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी को सदन में आमंत्रित न करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मा. राष्ट्रपति मुर्मू जी को न तो नये संसद के उद्घाटन में बुलाया गया और न आज सत्र के शुभारम्भ में। यह अपमान और भेदभाव कहीं इसलिए तो नहीं कि महा. द्रोपदी मुर्मू जी आदिवासी समाज से हैं। एससी, एसटी, ओबीसी मा. मुर्मू जी के इस अपमान को बहुत ही गंभीरता से संज्ञान लिया है।
विशेष सत्र के दूसरे दिन और नए सत्र के पहले दिन मोदी सरकार के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नारी शक्ति वंधन विधेयक पेश किया, जो महिला आरक्षण पर अनुच्छेद 128 में संशोधन करने वाला विधेयक है। महिला आरक्षण विधेयक की समीक्षा बुधवार को सबा में शुरू होगी। यह बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पारित हो जाएगा और राष्ट्रपति की सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा।