India News (इंडिया न्यूज), Asro Gyan: इस समय देश के विभिन्न हिस्सों में गर्मी से हाल बेहाल है। मई की शुरुआत में मौसम ने जितनी ठंडक दिखाई थी। उससे कहीं ज्यादा तपिश इस समय है। आलम ये है कि लोग दिन रात टकटकी लगाकर बैठे है कि मौसम कब मेहरबान होगा और बारिश होगी। आईएमडी की माने तो अभी पूर्वी राज्यों में मानसून आने में समय है।
लेकिन केरल के साथ आसप पास के राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है। आज के आधुनिक परिवेश में जहां सब कुछ विज्ञान पर आधारित है तो वहीं पहले के समय में ज्योतिष की मदद से मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता था। ऋषि मुनि ज्योतिष गणनाओं के हिसाब से मौसम के बारे में पूर्वानुमान बताते थे। आज के समय में भी काफी लोग इस बाबत जानकारी लेते है। आइए आपको बताते हैं कैसे उस समय की जाती थी गणना।
ज्योतिष पंचांग की माने तो इस साल आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 जून को हो रही है। नवरात्रि के नव दिनों तक मां दुर्गा पृथ्वी पर विचरण करती हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि ‘माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार सालभर होने वाली घटनाओं का भी पूर्वानुमान किया जाता है। इनमें कुछ वाहन शुभ फल देने वाले और कुछ अशुभ फल देने वाले होते हैं।
देवी जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो पानी ज्यादा बरसता है। घोड़े पर आती हैं तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। देवी नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और डोली पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं।
आदि शक्ति मां दुर्गा का पृथ्वी पर आगमन किस वाहन से हो रहा है, यह नवरात्रि के शुरु होने वाले दिनों पर तय होता है। शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी मां दुर्गा का वाहन घोड़ा माना जाता है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी मां दुर्गा डोली में बैठकर आती हैं। बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं। जबकि रविवार और सोमवार को नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा का हाथी पर विराजमान होकर आती हैं।
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