India News (इंडिया न्यूज़),Azam Khan: घोसी उपचुनाव परिणाम 2023 में सपा की शानदार जीत की खुशी अभी कम भी नहीं हुई थी कि शक्तिशाली नेता आजम खान पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। आयकर विभाग ने बुधवार को उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में आजम खान के 30 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की। हाल के वर्षों में आजम खान के खिलाफ जांच एजेंसी की यह पहली कार्रवाई नहीं है।
बता दें, 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनने के बाद आजम खान पर कार्रवाई तेज होने लगी। उनके खिलाफ रामपुर में देशद्रोही भाषण, धोखाधड़ी और जमीन कब्जाने समेत 81 मामले दर्ज हैं। आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम पर भी कम से कम 40 मामलों में आरोप लगाए गए हैं। आजम परिवार की परेशानियों की फेहरिस्त लंबी है। जानिए कब चक्रव्यू में फंसा आजम परिवार?
फरवरी 2020 में, आजम को उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला के साथ जन्म प्रमाण पत्र बनाने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों को 2020 से 2022 के बीच अलग-अलग मामलों में जेल से रिहा किया गया था। पिछले साल 27 अक्टूबर को आजम को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में दोषी पाया गया था। रामपुर कोर्ट द्वारा तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद आजम को विधानसभा में शामिल होने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उस विधानसभा के रद्द होने के बाद रामपुर से 10 बार सांसद रहे आजम खान की सीट खाली घोषित कर दी गई थी। आजम खान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी आकाश सक्सेना ने दिसंबर में रामपुर उपचुनाव जीता था।
बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा के आसिम रजा को 34136 वोटों से हराया। रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान चुनाव अधिकारियों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का हवाला देते हुए आजम का नाम मतदाता सूची से हटाने का आदेश भी जारी किया था। 24 मई 2023 को आजम खान को नफरत भड़काने के आरोप से बरी कर दिया गया। रामपुर कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने आजम की रिहाई के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी। इसी साल जुलाई में आजम को नफरत भरे भाषण के एक अन्य मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी। लोकसभा चुनाव से पहले 8 मई 2019 को रामपुर की शहजादनगर पुलिस ने भड़काऊ टिप्पणी का मामला दर्ज किया था।
शिकायत के अनुसार, आजम ने कथित तौर पर तत्कालीन रक्षा मंत्री रामपुर डीएम सह निर्वाचन अधिकारी, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को निशाना बनाते हुए उनके खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी। फैसले से पहले ही योगी सरकार ने आजम की वाई श्रेणी की सुरक्षा हटा दी है। इस साल फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने 15 साल पुराने मामले में आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो साल जेल की सजा सुनाई थी। जब कार को निरीक्षण के लिए रोका गया तो जाम लग गया। अब्दुल्ला को उनके विधायी पद से हटा दिया गया। रामपुर के स्वार विधानसभा उपचुनाव में अपना दल बीजेपी के सहयोगी शफीक अहमद अंसारी ने सपा प्रत्याशी अनुराधा चौहान को हरा दिया।