India News (इंडिया न्यूज), Buddh Purnima 2023: बुद्ध पू्र्मिमा के खास अवसर पर संगम के किनारे श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। वहीं काशी में घाटों पर लोगों ने स्नान किया। तड़के सुबह से घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। वहीं संगम नगरी प्रयागराज मे पुलिस की भारी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था। काशी में न केवल लोगों ने घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई बल्कि स्वच्छता का संदेश दिया। वहीं उत्तराखंड के हरिद्वार की रामकी पैड़ी पर लोगों ने इस पावन अवसर पर आस्था की डुबकी लगाई।
#WATCH | Devotees take a holy dip at Sangam Ghat in Uttar Pradesh and offered prayers on the occasion of Buddha Purnima. pic.twitter.com/9dfbTCN8Pb
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 5, 2023
नमामि गंगे ने शुक्रवार को वैशाखी पूर्णिमा के स्नान पर्व पर दशाश्वमेध घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया। भगवान बुद्ध द्वारा दिए गए पर्यावरण संरक्षण के संदेश को ध्वनि विस्तारक यंत्र से जन-जन तक पहुंचाकर गंगा को स्वच्छ रखने का संदेश दिया गया। स्वच्छता जागरूकता के दौरान विदेशी पर्यटकों ने भी लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक किया। कार्यक्रम का नेतृत्व नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने किया।
इस दौरान गंगा घाट पर पहुंची नमामि गंगे की टीम द्वारा गंगा की तलहटी और किनारे पड़ी गंदगी को उठाकर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया। पॉलिथीन कचरा तथा गंगा में श्रद्धालुओं द्वारा विसर्जित की गयी पूजा सामग्री के अवशेषों को निकाला गया। श्रमदान में अन्य श्रद्धालुओं ने भी सहयोग किया एवं मां गंगा की आरती उतारकर स्वच्छता का संकल्प लिया गया। संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि तथागत भगवान बुद्ध ने पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया है, वह कहते थे कि मनुष्य को अपने किसी भी कृत्य से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय जन-जीवन में नदियों का महत्व इसी से जाना जा सकता है कि धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, व्यापारिक, पर्यटन, स्वास्थ्य , कृषि, शैक्षिक, औषधि, पर्यावरण और न जाने कितने क्षेत्र हैं जो हमारी नदियों से सीधे-सीधे जुड़े हुए हैं। हमारी पवित्र नदियां विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देती हैं वैसे ही भगवान बुद्ध का संदेश हमें सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा और शांति के मार्ग पर चलकर मानवता की सेवा करने की प्रेरणा देता है।
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