India News (इंडिया न्यूज़),Deoria Murder Case: यूपी में हुए देवरिया हत्याकांड को लेकर बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी की ओर से दिए गए बयान के बाद से ही उत्तर प्रदेश में राजनीति गरमाई हुई है। अब सपा नेता शिवपाल यादव ने भी इस मामले में बीजेपी विधायक के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने सोमवार को एक्स पर पोस्ट साझा कर लिखा, “देवरिया कांड पर विधायक कह रहे हैं कि अगर सपा की हैसियत है तो उनकी एक हजार जांच करा लें। विधायक जी, सपा तो विपक्ष में है। आप सियासी रोटी सेंकना बंद कर, प्रशासन की जवाबदेही व जिम्मेदारी तय करा लें।”
नेता ने आगे अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा कि, “अगर पीड़ितों को निष्पक्ष न्याय दिलाने की आप में हैसियत हो तो न्याय जरूर दिला दें।” दरअसल, देवारिया कांड में मारे गए सत्य प्रकाश दुबे व उनके परिवार ने सदस्यों के लिए श्रद्धांजलि लभा का आयोजन किया था। जिस दौरान भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा था कि देवरिया हत्याकांड के आरोपियों की जांच करें तो थानों-थानों में उनकी हिस्ट्रीशीट खुली मिलेगी।
देवरिया कांड पर मा०विधायक कह रहे हैं कि अगर सपा की हैसियत है तो उनकी एक हजार जांच करा ले।
विधायक जी,सपा तो विपक्ष में है।
आप सियासी रोटी सेंकना बंद कर प्रशासन की जवाबदेही व जिम्मेदारी तय करा लें और अगर पीड़ितों को निष्पक्ष न्याय दिलाने की आप में हैसियत हो तो न्याय जरूर दिला दें।— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) October 9, 2023
बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा था कि सत्य प्रकाश दूबे के परिवार का इतिहास खंगाल कर देख लो आपको कोई केस नहीं मिलेगा। जिन लोगों ने अपराध किया है उनके खिलाफ कई मामले हैं। ये पूरी लड़ाई एक लाचार परिवार बनाम भूमाफियाओं की थी। ये पूरी लड़ाई अन्याय के विरुद्ध है, ना कि समाज के विरुद्ध ।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की सोमवार को उनके प्रतिद्वंद्वी सत्यप्रकाश दुबे ने हत्या किया। प्रेमचंद यादव के समर्थकों ने दुबे और उनके परिवार पर हमला कर दिया। हमले में पत्नी और तीन बच्चों की मौत हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने अभी तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि सत्यप्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी की ओर से 27 नामजद और 50 अज्ञात सहित 77 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302(हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के अलावा अन्य के तहत एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
बता दें कि देवरिया के जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कहा था कि दो समूहों के बीच विवाद के बाद हुई इस घटना की जानकारी मिली। अखंड प्रताप सिंह ने सोमवार को कहा था की ”घटना के पीछे का कारण गांव के दो परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहा भूमि विवाद बताया गया है। ” विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने भी घटना स्थल पर गए थे।
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