इंडिया न्यूज, लखनऊ।
Distance Between Akhilesh Yadav and Shivpal Yadav : चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच फिर दूरियां बढ़ती नजर आ रही हैं। सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की शनिवार की बैठक में न बुलाने से आहत शिवपाल सिंह यादव इटावा चले गए। वह सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर विधायक बने हैं। फिर भी सपा उन्हें अपना मानने के बजाय सहयोगी दल का नेता मानती है। (Distance Between Akhilesh Yadav and Shivpal Yadav)
अब उन्हें सहयोगियों की बैठक में बुलाने की दुहाई दी जा रही है। सपा से गठबंधन के बाद शिवपाल ने न सिर्फ अखिलेश को अपना नेता घोषित किया बल्कि यहां तक कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। सपा से गठबंधन के बाद उम्मीद थी कि प्रसपा नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन सिर्फ शिवपाल चुनाव लड़े। वह भी साइकिल के सिंबल पर। ऐसे में प्रसपा के तमाम वरिष्ठ नेता दूसरे दलों का रुख कर गए। इसके बाद भी शिवपाल चुनाव मैदान में लगे रहे।
उन्होंने अपनी विधानसभा के साथ अखिलेश की करहल सीट पर भी प्रचार किया। तीसरे चरण का चुनाव पूरा होने के बाद सपा में शिवपाल को स्टार प्रचारक घोषित किया गया। सप्ताह भर तक वह कार्यक्रम मिलने का इंतजार करते रहे। शिवरात्रि से ठीक पहले उन्हें पूर्वांचल दौरे पर भेजा गया। (Distance Between Akhilesh Yadav and Shivpal Yadav)
उन्होंने मल्हनी सहित जिन विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा की, वहां सपा का परचम लहराया। ऐसे में चर्चा चली कि इनाम के तौर पर उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन अखिलेश के लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस चर्चा पर विराम लग गया। चाचा-भतीजे के बीच चल रही अंतरद्वंद्व का खुलासा तब हुआ, जब शिवपाल को सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में बुलाया नहीं गया। बैठक में न बुलाने से आहत शिवपाल ने कहा कि वह सपा से विधायक बने हैं। सभी विधायकों को बुलाया गया, लेकिन उन्हें नहीं।
(Distance Between Akhilesh Yadav and Shivpal Yadav)