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Former Commissioner Won from Kannauj Sadar Seat : सपा गढ़ में 20 साल बाद खिला कमल

• LAST UPDATED : March 10, 2022

Former Commissioner Won from Kannauj Sadar Seat

इंडिया न्यूज, कन्नौज : Former Commissioner Won from Kannauj Sadar Seat खुशबू की नगरी व पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के गढ़ कहे जाने वाले कन्नौज (Kannauj)में सपा तीनों खाने चित्त हो गई है। लोगों ने जाति व धर्म को छोड़कर सपा को दर-किनार कर दिया। यहां की जनता ने भाजपा को कन्नौज सदर के साथ छिबरामऊ और तिर्वा सीटों पर वोटो की झड़ी लगा दी। यहां की सदर सीट पर 20 साल बाद कमल खिला है।

पूर्व कमिश्नर बने विधायक

कन्नौज सदर सीट सुरक्षित है। इसकी मुख्य वजह यहां एससी वर्ग के वोटरों की आबादी सबसे अधिक है। इसके बाद मुस्लिम की आबादी है। भाजपा ने इस बार कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण को टिकट देकर दांव लगाया था। यहां से सपा के प्रत्याशी अनिल दोहरे चौथी बार चुनावी मैदान में थे। बता दें चुनाव से पहले पूर्व कमिश्नर रहे असीम अरुण ने वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए थे।

असीम को पिता के काम का मिला आर्शीवाद

Former Commissioner Won from Kannauj Sadar Seat

कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण यहां से ज्यादा जुड़े नहीं रहे। इनके पिता एवं पूर्व डीजीपी स्व. श्रीराम अरुण ने करीब 30 साल पहले दलितों के उत्थान के लिए कई कार्य किए। इसके चलते भाजपा के बेस वोट के साथ अनिल को मिलने वाला ज्यादातर एससी वोट असीम को मिला। वहीं स्थानीय स्तर पर कई सपा नेताओं के मारपीट की हरकतों की वजह से पार्टी को इस बार यादव और मुस्लिम का भी पूरा वोट नहीं मिल पाया।

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तिर्वा में रहीं कड़ी टक्कर

तिर्वा विधानसभा सीट में सपा और भाजपा के बीच अंतिम समय तक कांटे की टक्कर रही है। यहां पर लोधी वोटरों के बाद यादव, पाल, मुसलमान मतदाता हैं। भाजपा लोधी, राजपूत और पार्टी के परंपरागत ब्राह्मण, क्षत्रिय, और पिछड़ा वर्ग के वोट को देखते हुए पूर्व विधायक कैलाश राजपूत को दोबारा टिकट मिला था। वहीं भाजपा से बगावत करके बसपा से चुनाव लड़ने वाले अजय वर्मा ने कैलाश की कई बूथों पर नुकसान किया, जिसके कैलाश की राह आसान नहीं रही। अंतिम समय पर नाराज शाक्य वोट बीजेपी में आ जाने से बीजेपी जीत गई। वहीं सपाप्रत्याशी अनिल पाल को इस बार यादवों का वोट तो मिला, लेकिन मुस्लिम का वोट बंट गया।

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ताहिर को टिकट न मिलने से खफा रहे मुस्लिम मतदाता Former Commissioner Won from Kannauj Sadar Seat

छिबरामऊ में अंत तक सपा पूर्व विधायक ताहिर का डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाईं। अरविंद यादव ने अंतिम समय पर ताहिर को अपने पाले में कर तो लिया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पूर्व विधायक ताहिर को टिकट नहीं मिलने से मुस्लिम ने सपा को सबक सिखाया है। यही वजह है कि भाजपा प्रत्याशी अर्चना पांडेय दोबारा बड़ी जीत हासिल कर सकी।

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