India News (इंडिया न्यूज), Harishankar Tiwari: प्रदेश सरकार में पूर्व में मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी (Harishankar Tiwari Story) का मंगलवार शाम निधन हो गया। पिछले कई दिनों से वो बिमार चल रहे थे। आज उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। तिवारी को कद्दावर नेताओं में से एक माना जाता है। उनके निधन की खबर सुनने के बाद उनके आवास पर जानने वालों और समर्थकों का तांता लग गया है। वहीं उनके अंतिम संस्कार में लाखों की संख्या में लोगों का हुजूम देखने को मिला। पंडित हरिशंकर तिवारी को ब्राह्मणों का नेता माना जाता रहा है।
पंडित हरिशंकर तिवारी मूल रुप से गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाना क्षेत्र के टांडा गांव के रहने वाले थे। वो पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे। हरिशंकर तिवारी को पूर्वांचल के बाहुबलियों में गिना जाता है। कहा जाता है कि एक समय था जब पंडित हरिशंकर तिवारी का जलवा हुआ करता था। उनके मर्जी के बिना कोई भी काम क्षेत्र में नहीं होता था। आज तिवारी बेशक इस दुनिया में न हों, लेकिन उनके चर्चे और किस्से अभी भी फिजाओं में तैर रहे हैं। आपको बता दें कि हरिशंकर तिवारी का अपने दौर में कुछ ऐसा जलवा था कि उनके लिए एक झटके में हजारों लोग इकट्ठा हो जाते थे।
एक किस्सा पंडित से जुड़ा हुआ काफी चर्चा में है। दरअसल 1986 में कांग्रेस और ब्राह्मणों के बड़े नेता पंडित कमलापति त्रिपाठी बड़हलगंज स्थित नेशनल पीजी कॉलेज में एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में पंडित हरिशंकर तिवारी भी मौजूद थे। इससे ठीक एक साल पहले ही 1985 में उन्होंने जेल में रहते हुए ही निर्दलीय चुनाव लड़ा था और विधायक बने थे। इतिहास का पहला चुनाव जब जेल में रहते हुए निर्दल प्रत्याशी चुनाव लड़ा हो। जिस दैरान पंडित विधायक बने उस वक्त सूबे के सीएम वीर बहादुर सिंह थे।
कॉलेज का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कमलापति त्रिपाठी के काफिले को छोड़ने के लिए पंडित हरिशंकर तिवारी 3 किलोमीटर दूर दोहरीघाट तक गए थे। बता दें कि दोहरीघाट मऊ जनपद में आता है। वहीं बड़हलगंज गोरखपुर में आता है। कमलापति त्रिपाठी को छोड़ने के बाद लौटते समय पुलिस ने गोरखपुर की सीमा में तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद इलाके में अफवाह फैल गई कि तत्कालीन सीएम, तिवारी का एनकाउंटर कराना चाहते हैं। पुलिस उनको लेकर गोरखपुर जा रही है। ये बात पूरे विधानसभा क्षेत्र में आग के तरह फैल गई। पुलिस मुख्यालय तक पंडित के पहुंचते-पहुंचते गाड़ियों का काफिला लंबा हो गया। तकरीबन 5000 लोगों ने थाना को घेर लिया।
जब तक कमलापति त्रिपाठी काशी पहुंचे उनको भी पता लगा कि हरिशंकर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद त्रिपाठी ने सीएम से बात की। जिस दौरान लोग मुख्यालय पर पहुंचना शुरू हुए थे उस दौरान ‘जय-जय शंकर, जय हरिशंकर’ के नारे तेज होते जा रहे थे। पुलिस भी इस भीड़ को संभालने में सफल होती नजर नहीं आ रही थी। अंत में भीड़ के आगे पुलिस झुकी और तिवारी को छोड़ा गया।
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