इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Indigenous kit For Identification Of Omicron बेहद संक्रामक माना जाने वाले ओमिक्रोन वैरियंट की जांच के लिए लखनऊ के सीडीआरआइ के वैज्ञानिकों ने एक स्वदेशी किट डवलेप की है और इसका नाम ओम रखा है। यह आरटी-पीसीआर किट ओमिक्रोन संक्रमण की पड़ताल के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग पर काम करेगी। यह किट बेहद किफायती होने के साथ ही सांस संबंधी रोगों की पहचान में भी उपयोगी बताई जा रही है। ओमिक्रोन से जुड़ी कोरोना की तीसरी लहर में यह एक कारगर विकल्प साबित हो सकती है।
ओमिक्रोन के जरिये फैल रही कोरोना की तीसरा लहर हालांकि उतनी घातक नहीं, लेकिन इसमें जरा सी असावधानी बहुत भारी पड़ सकती है। ऐसे में यह स्वदेशी किट देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही मरीजों को एक किफायती एवं प्रभावी विकल्प भी उपलब्ध कराएगी। डा. गोयल ने कहा कि हमारी स्वदेशी फ्लोरोसेंट डाई और क्वेंचर तकनीक हमें भविष्य में उभरते अन्य संक्रमणों हेतु भी आरटीपीसीआर आधारित डिटेक्शन किट के विकास में हमें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
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