देहरादून: जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के कारणो को जानने के लिए वैज्ञानिकों की टीम लगातार जांच कर रही है. आज वैज्ञानिको और भू विषेशज्ञों की टीम प्रभावित इलाकों में गई और जांच शुरु की. जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र का पर्यावरण एवं जलवायु वैज्ञानिकों की टीम ने किया निरीक्षण.
वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने कहा इस मामले को लेकर बताया कि हम पर्यावरण और पारिस्थितिक आकलन करेंगे और यहां पानी की गुणवत्ता का भी आकलन करेंगे.हमारी 4-5 टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में इस पर काम कर रही हैं.
Joshimath, Uttarakhand | Environment & climate scientist team inspects Joshimath land subsidence affected area
We'll make environmental & ecological assessments & also assess water quality here. We've 4-5 teams working on it in different areas: Dr JC Kuniyal, Scientist pic.twitter.com/2ta1NesCw7
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 14, 2023
सीएम धामी के निर्देश पर तमाम वैज्ञानिकों की टीम वहां पर जांच कर रही है. वही जो मकान इस भू-धंसाव में प्रभावित हुए हैं उनकी भी जांच की जा रही है कि उनको बनाने में किस मैटेरियल का प्रयोग किया गया है. जांच कर रही टीम ने बताया कि जिन घरों में दरारें आने की सूचना मिली है, उनके बाहर मीटर नापें.
मूल्यांकन रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को प्रस्तुत की जाएगी ताकि वे तदनुसार एक प्रशासनिक योजना बना सकें. जानकारी के मुताबिक जोशीमठ के 9 वार्डों में 4000 भवनों का आकलन किया जा रहा है. हम भवनों के विवरण का आकलन कर रहे हैं कि भवन का निर्माण कैसे किया गया, किस सामग्री का उपयोग किया गया, क्या यह निर्धारित मानदंडों के अनुसार था.
सीएम धामी ने कही है ये बात
प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कल इस मामले को लेकर कैबिनेट की बैठक की थी. सीएम ने तमाम बचाव कार्य और लोगों को दूसरे जगहों पर विस्थापन को लेकर जानकारी ली थी. सीएम ने बैठक में कहा कि हर परिवार की सुरक्षा की जाए. वही सीएम ने हर परिवार को 1.5 लाख रुपए त्वरित मदद ता ऐलान किया है. अभी तक 700 से अधिक मकानो को चिन्हित किया गया है जो कि इस भू-धंसाव में प्रभावित हैं.
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