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Kushinagar: करोड़ो की लागत से बना रोडवेज बस स्टेशन हुआ बदहाल, यात्रियों को उठानी पड़ रही दिक्कत

• LAST UPDATED : February 27, 2023

(Roadways bus station built at the cost of crores is in bad shape, passengers are facing problems): कुशीनगर (Kushinagar) जिले में 4.50 करोड़ की लागत से बना अंतराज्यीय बस अड्डा बदहाल हुआ। सरकारी स्टेशन प्राइवेट गाड़ियों का बना अड्डा।

उत्तर प्रदेश सरकार जहां आम जनता को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिये लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसका लाभ आम जनता को नही मिल पा रहा है।

फ़िलहाल बद इंतजामी के चलते बेहतर सुविधाओं के बावजूद आम जनता को कठिनाइयो का सामना करना पड़ रहा है। जो कही ना कही अधिकारियों के कुप्रबंधन को दिखता है।

सिर्फ दो कर्मचारियों के भरोसे संचालित हो रहा स्टेशन

इसका ताजा उदाहरण कुशीनगर जिले के कसया नगर में निर्मित 4.50 करोड़ की लागत से बना अंतराज्यीय बस अड्डा है।

इस हाईटेक बस स्टेशन में जनता के सुविधा की सारी सुविधाएं मौजूद होने के बावजूद इसका लाभ जनता नही ले पा रही है। सिर्फ दो कर्मचारियों के भरोसे संचालित हो रहा यह स्टेशन बद इंतजामी का शिकार हो गया है।

दरअसल, कसया नगर में 50 वर्ष पूर्व बना बस स्टेशन जो जर्जर हो गया था। उस स्टेशन को ध्वस्त कर 2 वर्ष पूर्व 4.50 करोड़ की लागत से हाई टेक स्टेशन का निर्माण हुआ है। इस हाई टेक स्टेशन के निर्माण के पीछे सरकार की मंसा यात्रियों को बेहतर परिवहन की सुविधा प्रदान करने का था।

AC और नान AC लाउंज के साथ कैंटीन की भी सुविधा

साथ ही तथागत भगवान बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर आने वाले पर्यटको को भी उचित संसाधन उपलब्ध कराना भी था। नवनिर्मित इस बस स्टेशन में यात्रियों को ठहरने के लिये AC और नान AC लाउंज के साथ कैंटीन की सुविधा भी दी गयी है।

साथ ही स्टेशन परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस शौचालय का भी निर्माण कराया गया है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण यात्री इन सुविधाओं का लाभ नही उठा पा रहे है।

सरकारी स्टेशन प्राइवेट गाड़ियों का बन गया अड्डा

दोनों लाउंज में हर समय ताला बंद रहता है। जिसके कारण बाहर से आने वाले यात्रियों को बाहर बैठ कर गाड़ियों का इंतजार करना पड़ता है। यहां नियुक्त दो कर्मचारियों में से एक ही कर्मचारी मौजूद रहता है।

जो ऑफिसियल कार्य करने के साथ गाड़ियों के आने जाने का अनाउंस करने का भी कार्य करता है। वही दूसरा कर्मचारी जो चतुर्थ श्रेणी का है। चौकीदारी का कार्य देखता है। बावजूद इसके यह स्टेशन प्राइवेट गाड़ियों का पड़ाव अड्डा बनकर रह गया है |

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